Gorakhpur News: सत्य और जीवन के रहस्यों को समझाती है श्रीमद्भागवत कथा, बोले सीएम योगी

Gorakhpur News: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सत्य और जीवन के रहस्यों को समझाने वाली कथा है। यह सफलता के चरम उत्कर्ष और जीवन के परम सत्य तक पहुंचने की कथा है।

Update:2024-09-14 16:29 IST

गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी: Photo- Newstrack

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सत्य और जीवन के रहस्यों को समझाने वाली कथा है। यह सफलता के चरम उत्कर्ष और जीवन के परम सत्य तक पहुंचने की कथा है। हमारे जीवन की दैनिक, पारिवारिक, समाजिक और व्यावहारिक घटनाएं श्रीमद्भागवत कथा के इर्दगिर्द घूमती दिखाई देती हैं।

सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 55वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 10वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में शनिवार अपराह्न श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में व्यासपीठ का पूजन करने के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण मोक्ष ग्रंथ है। मोक्ष का अर्थ केवल जीवन से मुक्ति तक सीमित नहीं है। मोक्षदायी भागवत कथा का अर्थ व्यक्ति जिस क्षेत्र में हो, उसमें पारंगत होने, उसके रहस्यों को जानने और सफलता के चरम पहुंचने की कथा से है।

सीएम योगी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा और भगवान श्रीराम की लीला से जुड़ी कथाएं सनातन जनमानस में अत्यंत लोकप्रिय हैं। सनातन धर्म के इन दो देवों (श्रीराम और श्रीकृष्ण) ने जनमानस को जितना प्रभावित किया है, उतना व्यापक दृष्टांत पूरी दुनिया में कहीं और नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि ऐसे दौर में जब हर व्यक्ति व्यस्त है, उन स्थितियों में भी श्रद्धालुओं का सप्ताहभर घंटों कथा श्रवण से जुड़ने की परंपरा है। श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा अपने अतीत व विरासत को झांकने अवसर भी प्रदान करती है।

पांच हजार वर्ष पूर्व से श्रीमद्भागवत कथा सनातन धर्मावलंबियों के लिए प्रेरणास्रोत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाभारत के भीषण संघर्ष में हर प्रकार की व्यापक हानि उन्हीं वेद व्यास जी के सामने हुई जिनके आशीर्वाद से वंश परंपरा आगे बढ़ी। सोचा जा सकता है कि वेद व्यास जी के लिए महाभारत का समय कैसा रहा होगा। वेद व्यास जी ने मनःशांति के लिए श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना की। वेद व्यास जी द्वारा 5200 वर्ष पूर्व रचित श्रीमद्भागवत महापुराण निरंतर सनातन धर्मावलंबियों के जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हुए प्रेरणास्रोत बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विचारणीय है कि कितने मत, मजहब और सम्प्रदाय का इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना होगा? पर, श्रीमद्भागवत कथा पांच हजार वर्ष पूर्व से मानवीय सभ्यता, आध्यात्मिक उन्नयन और भौतिक विकास के उत्कर्ष का रहस्योद्घाटन करती है।

अचानक नहीं प्राप्त हो सकता मोक्ष

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोक्ष अचानक नहीं प्राप्त हो सकता। इसके लिए धर्म का आचरण करते हुए नैतिक माध्यम से अर्थोपार्जन करना होगा। इस मार्ग पर चलकर कामनाओं की सिद्धि होने पर मोक्ष प्राप्ति में भी सफलता मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मोक्ष प्राप्ति के इसी रहस्य को समझाती है। श्रीमद्भागवत महापुराण में लीला भगवान श्रीकृष्ण की है लेकिन शब्दावली वेद व्यास जी की है जो जीवन के रहस्यों का उद्घाटन, सनातन मूल्यों और उत्कर्ष से जुड़ी है।

धर्म केवल उपासना विधि नहीं

सीएम योगी ने कहा कि सनातन में यह अक्षुण्ण मान्यता है कि धर्म केवल उपासना विधि नहीं है। पूजा पद्धति, धर्म का एक हिस्सा हो सकता है लेकिन सम्पूर्ण धर्म नहीं हो सकती। इसीलिए सच्चा हिंदू किसी एक पूजा पद्धति पर लकीर का फकीर नहीं रहा है। सीएम ने कहा कि जिस धर्म (सनातन) में इतनी व्यापकता हो, जीवन के उतार-चढ़ाव को समभाव से वही देख सकता है। किसी भी उतार-चढ़ाव में सनातन की व्यापकता बनी रही है।

मुख्यमंत्री के संबोधन के उपरांत श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान कथा व्यास, श्रीराम मंदिर गुरुधाम काशी से पधारे जगद्गुरु अनंतानंद द्वाराचार्य काशीपीठाधीश्वर स्वामी डॉ. रामकमल दास वेदांती जी ने कराया। कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सुनाई जाएगी। इसका विराम 20 सितंबर को होगा।

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच निकली श्रीमद्भागवत महापुराण की पोथी शोभायात्रा

श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ से पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मुख्य मंदिर से कथा स्थल तक बैंडबाजे, शंख ध्वनि की गूंज तथा वेदपाठी विद्यार्थियों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महापुराण की पोथी शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने अखंड ज्योति स्थापित की। पोथी प्रतिष्ठा और कथा व्यास के विराजमान होने के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य यजमान ने व्यासपीठ की पूजा की।

इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या के महंत सुरेश दास, काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, बड़े भक्तमाल अयोध्या के महंत अवधेश दास, सुदामा कुटी वृंदावन के महंत सुतीक्ष्ण दास, कालीबाड़ी के महंत रविंद्र दास, पंचानन पुरी, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, पूर्व महापौर सीताराम जायसवाल समेत यजमानगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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