Gorakhpur: गवाहों की वीडियो कान्फ्रेसिंग कराने में गोरखपुर 42वें स्थान पर, प्रदेश में यह जिला नंबर वन
Gorakhpur News: एडीजी अभियोजन ने सभी जिलों के अधिकारियों को पत्र लिखकर सुधार का निर्देश दिया है। गवाह बने सरकारी कर्मचारियों की गवाही उनके तैनाती स्थल से ही कराने का प्रावधान किया गया है।
Gorakhpur News: न्याय में तेजी को लेकर प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों आदेश दिया था कि वीडियो कान्फ्रेसिंग से गवाही कराकर लंबित मामलों में तेजी लाई जाए। लेकिन गोरखपुर के अधिकारी वीसी को लेकर बेपरवाह दिख रहे हैं। गोरखपुर वीडियो कान्फ्रेसिंग से गवाही में प्रदेश में 42वें नंबर पर है। जबकि इस मामले में कानपुर नंबर एक पर है।
पिछले दिनों जिलों की समीक्षा के गोरखपुर को 42वां स्थान मिला है। जिसपर एडीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा ने स्थिति में सुधार लाने के लिए जिले के अधिकारियों को पत्र लिखा है। एडीजी अभियोजन ने सभी जिलों के अधिकारियों को पत्र लिखकर सुधार का निर्देश दिया है। गवाह बने सरकारी कर्मचारियों की गवाही उनके तैनाती स्थल से ही कराने का प्रावधान किया गया है। मुकदमों के निस्तारण में तेजी लाने के शासन के निर्देशों पर अमल नहीं हो रहा है। गवाहों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश कराने की व्यवस्था अमल में आने के बाद भी गोरखपुर दो महीने में सिर्फ 10 कर्मचारियों की ही गवाही करा पाया है। दरअसल, अदालतों में लंबित मामलों के निस्तारण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को हिदायत दे रखी है। अभियोजन विभाग ने समीक्षा में पाया था कि मुकदमों के निस्तारण में सबसे बडी अड़चन सरकारी कर्मचारियों खासतौर पर रिटायर हो चुके कर्मचारियों का अदालत में गवाही न देना है। तब, तय हुआ कि रिटायर हो चुके कर्मचारियों की गवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कराई जाए। दो माह बाद जब इस व्यवस्था की पड़ताल की गई तो पता चला कि गोरखपुर जिला गोरखपुर-बस्ती मंडल में भी पिछड़ा हुआ है। यहां दो महीने में सिर्फ 10 ही गवाही हो पाई है।
गोरखपुर-बस्ती मंडल में देवरिया सबसे आगे
गोरखपुर-बस्ती मंडल सात जिलों में भी गोरखपुर सबसे पीछे है। आंकड़ों के देवरिया 17 वें नम्बर पर है यहां 29 गवाही हो चुकी है जबकि महराजगंज 20वें नम्बर पर है यहां 20 गवाही हो चुकी है। वहीं बस्ती 26 नम्बर पर है यहां 16 गवाही हो चुकी है जबकि सिद्धार्थनगर 27वें नम्बर पर है यहां 14 गवाही हो चुकी है। कुशीनगर 37वें नम्बर पर है यहां 12 गवाही हो चुकी है। जबकि संतकबीरनगर 39वें नम्बर पर है यहां 11 गवाही हो चुकी है। वहीं गोरखपुर 42वें स्थान पर है यहां सिर्फ 10 गवाही हुई है।