Gorakhpur News: राज्यपाल की अध्यक्षता में मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय, गोरखपुर का 8वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न
Gorakhpur News: प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय, गोरखपुर का 8वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ।
Gorakhpur News: प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालय, गोरखपुर का 8वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। राज्यपाल जी ने समारोह का शुभारम्भ सरस्वती माँ की प्रतिमा के समक्ष कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने सभी उपाधि एवं पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना के साथ सभी प्रतिभागियों को आज देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाए जा रहे गणेश चतुर्थी पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उपाधि ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों से कहा कि उनकी सफलताओं के पीछे अभिभावक और गुरुजनों का महत्वपूर्ण योगदान है।
देश की बेटियाँ अब अनंत को चुनौतियाँ दे रही हैं- राज्यपाल
उन्होंने सम्बोधन में प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था, विश्वविद्यालयों में विविध विषयों की उच्च शैक्षिक व्यवस्था की चर्चा करते हुए हाल ही भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में लगायी गयी नालंदा विश्वविद्यालय की तस्वीर पर भी चर्चा की। इसी क्रम में राज्यपाल जी ने भारत द्वारा चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग में महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि देश की बेटियाँ अब अनंत को चुनौतियाँ दे रही हैं।
राज्यपाल जी ने दीक्षांत समारोह के अपने सम्बोधन में प्रदेश के विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता सुधारों के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए किए गए प्रयासों, विश्वस्तर पर भारतीय युवाओं के लिए बढ़ते अवसरों, भारत में तकनीकी क्षेत्र का बढ़ता प्रसार और उपयोग, युवाओं के लिए भारत में बढ़ते स्टार्ट-अप के अवसरों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आजकल युवाओं में नवाचार की प्रवृत्ति बढ़ी है। तकनीक का सही समय पर सही उपयोग समाज को नई शक्ति देता है। युवा आज वैश्विक समस्याओं के समाधानों की जिम्मेदारी भी उठा रहे हैं। उन्होंने प्रबन्धन और इंजीनियरिंग के छात्रों को सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम करने पर जोर दिया।
राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय के छात्रों में नवाचार, कौशल, सृजनात्मकता एवं स्वरोजगार की प्रवृत्ति विकसित करने, ग्रामीण समुदाय के साथ भागीदारी करने की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्रों को जमीनी हकीकत की जानकारी होगी और उनमें संवेदनशीलता बढ़ेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों को केन्द्र सरकार की जनहितकारी ‘आयुष्मान भव योजना‘ तथा ‘पी.एम. विश्वकर्मा योजना‘ की जानकारी भी दी एवं इसको लाभार्थियों तक पहुँचाने के लिए कहा, जिससे उन्हें स्वास्थय लाभ और व्यवसाय की प्रगति कि दिशा में समुचित सहायता और लाभ प्राप्त हो सकें। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि तथा अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक आई.टी.आई., श्री राजेश राय ने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा किए और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल जी ने कुल 1119 छात्र और 400 छात्राओं को स्नातक और परास्नातक की उपाधि तथा 29 शोध विद्यार्थियों को शोध उपाधि प्रदान की। मेधावी विद्यार्थियों को 42 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय परिसर के प्रशासनिक भवन के सामने पारिजात का पौधारोपण भी किया
100 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बांटी किट
प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने दो दिवसीय गोरखपुर भ्रमण कार्यक्रम में आज दूसरे दिन जनपद के विकास खण्ड जंगल धूसड़ के आंगनबाडी केन्द्र बड़ी रेतवहिया का निरीक्षण कर 100 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को आंगनबाड़ी किट का वितरण करने के साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की सभी गतिविधियाँ शत्-प्रतिशत संचालित हों। आंगनबाड़ी कार्यकत्री गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिये लगातार जागरूक करें, उन्हें यह भी समझाएं की प्रसव के एक घन्टे के भीतर बच्चों को माँ का दूध जरूर पिलायें क्योंकि माँ का दूध नवजात बच्चों के लिये अमृत के समान होता है।
राज्यपाल जी ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये पोषण माह का अभियान चलाना पड़ता है, यदि महिलाएं तथा आमजन लोग जागरूक हो जाये तो पोषण अभियान चलाने की आवश्यकता ही नहीं होगी। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्री महत्वपूर्ण भूमिका का निवार्हन कर सकती है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों से मिलने वाले पुष्टाहार से गर्म भोजन बनाकर कुपोषित बच्चों को खिलाकर उनके कुपोषण को खत्म किया जा सकता है। इसके लिये भी महिलाओं को जागरूक करना होगा।
कार्यक्रम में बच्चों की शिक्षा पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की, जिसमें मातृभाषा में शिक्षण पर भी जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कक्षा 01 से 05 तक बच्चों की शिक्षा मातृ-भाषा में हो, क्योंकि ये अवस्था संस्कार और स्वास्थ्य के लिये महत्वपूर्ण है। बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए समय-समय पर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच भी हो। उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास यह भी हो कि योगा सहित अन्य गतिविधियों को भी केन्द्रों पर सिखाया जाये। जिससे की बच्चों का सर्वांगीण विकास हो। आंगनबाड़ी केन्द्र पर राज्यपाल जी ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम का अवलोकन किया और उनका उत्साहवर्द्धन किया।