Gorakhpur News: DDU में दीक्षांत के लोगों में फंसा पेंच, अब नये सिरे से होगा निर्णय, विजेता को मिलेगा 5000 रुपये का पुरस्कार

Gorakhpur News: 43वें दीक्षान्त समारोह के प्रतीक चिन्ह (लोगो) के चयन के एक प्रतियोगिता का आयोजन विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के बीच सम्पन्न हुई। इस प्रतियोगिता में कुल 86 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं।

Update: 2024-08-20 14:52 GMT

कुलपति प्रो. पूनम टंडन (Pic - Newstrack)

Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन के कर कमलों द्वारा विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले 43 वें दीक्षांत समारोह के प्रतीक चिन्ह (लोगो) के लोकार्पण में पेंच फंस गया है। लोगो के विजेता के घोषणा के चंद मिनट बाद ही जनसंपर्क अधिकारी द्वारा शुद्धिपत्र जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि दीक्षांत समारोह के लोकार्पित लोगो में कॉपीराइट के कुछ तकनीकी कारणों से इस लोगो को निरस्त किया जाता है। 21 अगस्त को दीक्षांत समारोह के लोगो की घोषणा की जाएगी।

43वें दीक्षान्त समारोह के प्रतीक चिन्ह (लोगो) के चयन के एक प्रतियोगिता का आयोजन विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के बीच सम्पन्न हुई। इस प्रतियोगिता में कुल 86 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। इस प्रतियोगिता का निर्णय प्रो. निशा जायसवाल, सुप्रसिद्ध मिनिएचर आर्टिस्ट एवं अवकाश प्राप्त आचार्य राजनीतिशास्त्र, गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुशल निर्देशन में सम्पन्न हुआ था। विजेता की घोषणा भी हो गई, लेकिन कापीराइट की दिक्कतों से इसे रोक दिया गया है। बता दें कि पिछले एक दशक से परम्परा रही है कि यूनिवर्सिटी के छात्रों के बनाए लोगो का ही दीक्षांत में प्रयोग होता है। इससे छात्रों का जुड़ाव तो होता है, उनके लिए यादगार पल भी मिलता है। कुलपति प्रो.पूनम टंडन ने घोषणा कर रखी है कि प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के विजेताओं को क्रमशः 5000, 3000 एंव 2000 की प्रोत्साहन धनराशि तथा प्रमाण पत्र दिया जायेगा। तीन सांत्वना पुरस्कार विजेताओं को भी प्रमाण पत्र दिया जायेगा।

DDU दीक्षांत में सनातन वेशभूषा में दिखेंगे टॉपर

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह 30 अगस्त को होने जा रहा है। समारोह में अतिथियों की मौजूदगी में टॉपर सनातन भेषभूषा में दिखेंगे। छात्रों जहां सफेद कुर्ता-पाजामा पहनेंगे वहीं लड़कियों का ड्रेस कोड पीली साड़ी निर्धाारित किया गया है। कुलपति का दावा है कि प्रस्तावित ड्रेस कोड का उद्देश्य दीक्षांत समारोह के दौरान एकता और परंपरा की भावना पैदा करना है। ड्रेस कोड की शुरुआत हमारी सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने और संकाय और छात्रों के बीच गर्व की भावना को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 30 अगस्त को होने वाले 43वें दीक्षांत समारोह के लिए इस बार अलग ड्रेस कोड तय किया गया है। संकाय सदस्यों और पदक विजेताओं व डिग्री/उपाधि प्राप्तकर्ताओं पर यह लागू होगा। डीडीयू में पहली बार दीक्षांत के लिए पारंपरिक परिधान के रूप में ड्रेस कोड तय किया गया है। पदक विजेताओं व डिग्री/उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र सफेद पारंपरिक कुर्ता पाजामा में नजर आएंगे। इसी तरह छात्राएं पीली साड़ी पहनेंगी। संकाय सदस्यों में शिक्षकों के लिए ऑफ व्हाइट कुर्ता-पाजामा और शिक्षिकाओं के लिए ऑफ व्हाइट साड़ी ड्रेस कोड तय किया गया है।

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