Gorakhpur: देसी शराब की मांग बढ़ी, विभाग ने लाइसेंसी ठेकेदारों पर बनाया दबाव

Demand for country liquor increased: लोकसभा चुनाव की वजह से देसी शराब की डिमांड अधिक हो गई है। ऐसे में विभाग लाइसेंसी शराब ठेकेदारों को अधिक तीव्रता वाली देसी शराब बेचने का दबाव बना रहा है।

Report :  Aniket Gupta
Update: 2024-05-04 10:10 GMT

Demand for country liquor increased: चुनाव, लगन, होली और दिवाली में आबकारी विभाग मालामाल हो जाता है। इस दौरान शराब की बिक्री से खूब राजस्व मिलता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लोकसभा चुनाव की वजह से देसी शराब की डिमांड अधिक हो गई है। ऐसे में विभाग लाइसेंसी शराब ठेकेदारों को अधिक तीव्रता वाली देसी शराब बेचने का दबाव बना रहा है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 50 रुपये की बजाय 70 रुपये वाली देसी शराब के पाउच की बिक्री पर अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।

1 अप्रैल से शराब की कीमतों में हुए बदलाव

बता दें, 1 अप्रैल से देसी शराब की कीमतों में बदलाव हुआ है। गोरखपुर में देसी शराब की कुल 328 दुकानें हैं। आबकारी विभाग के अनुसार, कुल राजस्व का आधे से अधिक हिस्सा देसी शराब से आता है। 1 अप्रैल से शराब की कीमतों में हुए बदलाव के बाद 25 डिग्री तीव्रता वाली देसी शराब की कीमत 54 रुपए से खिसककर 50 रुपए पर पहुंच गई है।

कुल शराब के राजस्व का 90 फिसदी देसी शराब से

वहीं अगर 36 डिग्री तीव्रता वाली देसी शराब की बात करें तो पहले 68 रुपए की बिक्री थी और अब कीमतों में बदलाव के बाद 70 रुपये में बिक रही है। लाइसेंसी ठेकेदारों के अनुसार, देसी शराब मजदूर वर्ग के लोग अधिक पीते हैं। ऐसे में कुल शराब बिक्री के राजस्व में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी 25 डिग्री तीव्रता वाले देसी शराब की होती है।

आबकारी अधिकारी का बयान?

गोरखपुर के जिला आबकारी अधिकारी एमपी सिंह ने इसको लेकर कहा कि चालू वित्तीय वर्ष को लेकर अभी कोई लक्ष्य नहीं मिला है। लेकिन पिछले साल जो लक्ष्य मिले थे उसको ध्यान में रखते हुए तैयारी की जा रही है। लाइसेंसी शराब ठेकेदारों से बैठक कर राजस्व को लेकर चर्चा हुई है। देसी में दोनों तीव्रता की शराब की बिक्री को कहा गया है।

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