Gorakhpur News: कौन है तीन लोगों की मौत का जिम्मेदार ‘गंगाराम’, जिसका पेट भरने पर हर महीने खर्च हो रहा ढाई लाख
Gorakhpur News: पल्ला झाड़ने के बाद हाथी को लावारिश मान लिया गया है। चिलुआताल के मोहम्मदपुर माफी गांव में 15 फरवरी 2023 को यज्ञ कलश यात्रा के दौरान गंगाराम बिदक गया था।
Gorakhpur News: तीन लोगों की मौत के जिम्मेदार ‘गंगाराम’ का पेट भरने पर हर महीने ढाई लाख रुपये खर्च हो रहा है। अब उसकी खुराकी पर खर्च और बढ़ने वाला है। गंगाराम का पेट भरने की जिम्मेदारी गोरखपुर का चिड़ियाघर प्रशासन उठा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है गंगाराम का परिचय क्या है। क्यो उसके भोजन पर योगी सरकार को हर महीने ढाई लाख खर्च करने पड़ रहे हैं। अब उसकी खुराकी का खर्च क्यों बढ़ने वाला है?
आइए जानते हैं गंगाराम के बारे में। गंगाराम हाथी है। इस हाथी के मालिक एक नेताजी हैं। हालांकि उनके पल्ला झाड़ने के बाद हाथी को लावारिश मान लिया गया है। चिलुआताल के मोहम्मदपुर माफी गांव में 15 फरवरी 2023 को यज्ञ कलश यात्रा के दौरान गंगाराम बिदक गया था। उसने दो महिलाओं व चार वर्षीय बच्चे को सूंड में लपेटकर पटक दिया था। दोनों महिलाओं की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी और बच्चे की अस्पताल जाते समय मृत्यु हुई थी। घटना के पांच घंटे बाद वन विभाग की टीम ने हाथी को काबू में कर रात के समय विनोद वन लाया। तभी से वह वहीं पर रह रहा है। रजिस्ट्रेशन नहीं होने और पूछताछ में किसी के सामने नहीं आने से वन विभाग ने हाथी को लावारिश मान लिया। पशु चिकित्सकों की जांच में सामने आया कि गंगाराम मस्ती में है। लगातार दो माह अप्रैल तक वह चिकित्सकों की देखरेख में रहा और मई माह तक वन विभाग ने हाथी की देखरेख की। इसी बीच हाथी को मई माह में बाहर भेजने बात उठी तो लखनऊ के अधिकारियों ने हाथी को चिड़ियाघर गोरखपुर में बाड़ा बनवाकर रखने के लिए निर्देशित किया। हाथी को रेस्क्यू कर विनोद वन में लाने के बाद फरवरी से अप्रैल 2023 तक उसका खर्चा वन विभाग ने किया। मई 2023 से विभाग को बजट का रोड़ा बीच में आ गया। तभी से चिड़ियाघर प्रशासन हाथी के खाने और महावत के वेतन का खर्चा उठा रहा है। चिड़ियाघर प्रशासन का दावा है कि हर माह हाथी और महावत के वेतन में करीब ढाई लाख रुपये खर्च हो रहे हैं।
खत्म होने वाली है हाथी गंगाराम की मस्ती
विनोद वन में रह रहे हाथी गंगाराम की मस्ती खत्म होने वाली है। पशु चिकित्सक प्रतिदिन उसकी जांच कर रहे हैं। शांत स्वभाव में आते ही उसे पहले की तरह पूरा खुराक ढाई क्विंटल आहार और साथ में अलग से गुड़, चना व गन्ना भी दिया जाएगा। 12 अक्टूबर 2023 से गंगाराम मस्ती में चल रहा है। इससे उसकी खुराक कम कर दी गई थी। चिकित्सकों के अनुसार तीन से सवा तीन महीने तक हाथी मस्ती में रहता है। पशु अस्पताल के चिकित्सक डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि हाथी की मस्ती तीन माह तक चलती है। 12 जनवरी को तीन माह पूरा हो गया है। प्रतिदिन रूटीन जांच उसकी चल रही है। उसकी मस्ती समाप्त होने और शांत स्वभाव में आने पर उसे पूरा खुराक दिया जाएगा। साथ ही सिकड़ भी हटा दिया जाएगा।
इतना खाता है गंगाराम, ये है खर्च
पशु चिकित्सक के अनुसार एक स्वस्थ हाथी का एक दिन का आहार एक कुंतल, एक कुंतल हरा पत्ता, 50 किलो गुड़, चना, फल और सब्जी। इसके अलावा 50 किलो हरे पत्ते व छाल भी दिया जाता है। गंगाराम की मस्ती समाप्त होने के बाद चिड़ियाघर प्रशासन यह पूरा आहार उसे देना शुरु कर देगा। तीन महीने से मस्ती में होने के चलते उसे आधा खुराक दिया जा रहा है। निदेशक चिड़ियाघर डा. मनोज कुमार शुक्ला का कहना है कि वन विभाग के पास बजट न होने से हाथी के खाने और महावत का वेतन चिड़ियाघर प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है। मई 2023 से यह खर्च हो रहा है। महावत को वेतन देने के पहले वन विभाग उसका वेरिफिकेशन करता है। वहीं हाथी को खाने के लिए भेजा जाने वाला आहार चिड़ियाघर पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा किया जाता है। हर माह दो से ढाई लाख रुपये का खर्चा है।