Gorakhpur News: 18 करोड़ के आशियाने में रहेगा तीन मौतों का जिम्मेदार ‘गंगा प्रसाद’, अक्तूबर में इसे लेकर बेचैन हैं अधिकारी

Gorakhpur News: गंगा प्रसाद ने दो महिलाओं व चार वर्षीय बच्चे को सूंड से लपेटकर पटककर कुचल दिया।

Update:2024-10-17 09:21 IST

गंगा प्रसाद  (फोटो: सोशल मीडिया )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का हाथी गंगा प्रसाद गजब का वीआईपी है। पिछले 18 महीने में वन विभाग इसकी निगरानी से लेकर खानपान पर करोड़ों रुपये खर्च कर चुका है। अब वन विभाग इसके लिए गोरखपुर के चिड़ियाघर में 18 करोड़ रुपये खर्च कर ‘आशियाने’ का निर्माण करा रहा है। इस खर्च के बाद आपके जेहन में सवाल उठेगा की हाथी पर इतनी निगरानी और मेहरबानी क्यों हो रही है? इसका परिचय जान लीजिये।

चिलुआताल के मोहम्मदपुर माफी में 15 फरवरी, 2023 को यज्ञ की कलश यात्रा में गंगाराम शामिल हुआ था। किसी कारण से वह बिदक गया और फिर दो महिलाओं व चार वर्षीय बच्चे को सूंड से लपेटकर पटककर कुचल दिया। तीनों की मौत के बाद वन विभाग की टीम ने हाथी को रेस्क्यू किया और विनोद वन में रखा। इसके बाद 16 फरवरी से विनोद वन को दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया। कुछ दिन बाद जब हाथी का कोई मालिक नहीं आया तो उच्चाधिकारियों ने चिड़ियाघर में रखने का फैसला लिया। चिड़ियाघर में एक बाड़ा जल्द तैयार हो जाएगा। अक्तूबर में ही उसे यहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।

विनोद वन में करीब डेढ़ साल से रखा गया हाथी गंगाप्रसाद इस साल फिर से मदमस्त हो गया है। इसके बाद से उसकी निगरानी बढ़ा दी गई है। एहतियात के तौर पर पहले ही जंगल में आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है लेकिन, अब चिड़ियाघर प्रशासन उस पर निगाह रखे हुए हैं।

16 अक्तूबर को चिड़ियाघर की टीम उसे देखने भी की गई थी। बताया जा रहा है कि अक्तूबर में जब मौसम सर्द होता है तब हाथी मदमस्ती में आने लगता है। इसे देखते हुए करीब 20 दिन पहले ही गंगा की जंजीरें और मोटी करते हुए उसे जंगल के और अंदर बांध दिया गया। साथ ही निगरानी के लिए सीसी कैमरे भी लगाए गए हैं।

हाथी मदमस्त हुआ तो बंद हो गया हाईवे

पिछले साल अक्तूबर में ही गंगा को मस्ती आई थी। उसने कुसम्ही जंगल में उत्पात मचा दिया था। स्थिति ऐसी हो गई थी कि एयरपोर्ट के आगे रजही के पास रास्ते को कई घंटों के लिए बंद करना पड़ा था। चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश सिंह ने बताया कि हाथी के व्यवहार व हरकतों पर नजर रखी जा रही है। यह मौसम उसके लिए मस्तमौला वाला होता है। हाथी के मदमस्त होने का समय नजदीक आ रहा है। ऐसे में वहां पर एहतियात बरती जा रही है। लोगों को भी उससे दूरी बनाए रखने की अपील की गई है। इंसानों को देखकर उनके बिदकने की आशंका बढ़ जाती है। मस्ती के समय उसके खानपान पर खासतौर से ध्यान दिया जाता है। एकांत वातावरण में ही वह शांत होते हैं। उनको शांत करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी देते हैं और नहलाया जाता है। एनर्जी वाले डाइट को कम कर देते हैं।

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