Gorakhpur News: बस स्टेशन की वेटिंग रूम में आराम कर रहे थे परिचालक, तभी भरभराकर गिरा प्लास्टर, बच गई जान

Prayagraj News: शुक्रवार की सुबह अनुबंधित ड्यूटी रूम के सामने वेटिंग रूम में परिचालक ड्यूटी करने के बाद नींद ले रहे थे। तभी अचानक प्लास्टर गिर गया।

Update:2023-10-27 11:07 IST
प्लास्टर गिरने से बाल-बाल बची जान (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: गोरखपुर में रेलवे बस स्टेशन की बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। पुराने बिल्डिंग को गिराकर नई बिल्डिंग बनाई जानी है। जर्जर बिल्डिंग के चलते रोज हादसे हो रहे हैं। शुक्रवार को वेटिंग रूम में परिचालक आराम कर रहे थे, तभी छत का प्लास्टर अचानक गिर गया। वहां आराम कर रहे तीन परिचालक बाल-बाल बचे। अब अधिकारी दौड़ लगा रहे हैं। कर्मचारियों में इस लापरवाही को लेकर आक्रोश है।

शुक्रवार की सुबह अनुबंधित ड्यूटी रूम के सामने वेटिंग रूम में परिचालक ड्यूटी करने के बाद नींद ले रहे थे। तभी अचानक प्लास्टर गिर गया। वेटिंग रूम में आराम कर रहे अरविंद यादव, संजय कुमार, राहुल कुमार बाल-बाल बच गए। अरविंद यादव ने बताया कि देर रात बस लेकर आने के बाद वेटिंग रूम में ठहरने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं। लेकिन, जिम्मेदार अधिकारी कोई सुध नहीं ले रहे हैं। सूचना पाकर कई कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। कर्मचारी भयक्रांत थे। कर्मचारियों ने मौके पर अधिकारियों को बुलाने की मांग की। लेकिन सुबह 10 बजे तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था। क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी का कहना है कि हादसे की सूचना मिली है। जर्जर छत की मरम्मत कराई जाएगी। पुराने भवन की जगह अत्याधुनिक बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर विकसित करना है। जिसका काम जल्द शुरू होगा।


साढ़े चार एकड़ में प्रस्तावित है नया भवन

गोरखपुर रोडवेज बस स्टेशन की नई बिल्डिंग पीपीपी मॉडल पर बननी है। इसके लिए साढ़े चार एकड़ जमीन की जरूरत है। पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन के निर्माण की तैयारी छह वर्ष से हो रही है, लेकिन अभी तक किसी कंपनी या फर्म ने रूचि नहीं दिखाई। स्टेशन के नवनिर्माण पर लगभग 30 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। गोरखपुर बस स्टेशन से प्रतिदिन डिपो से लगभग एक हजार बसें आवागमन करती हैं, जिसमें गोरखपुर डिपो की ही 184 हैं। इन बसों से 40 से 50 हजार लोग यात्रा करते हैं। बसों से रोडवेज को 20 से 25 लाख की कमाई होती है।

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