Gorakhpur News: नेपाल में भी खुलेगा गीता भवन, 5 करोड़ की पुस्तकों की बिक्री का रखा लक्ष्य

Gorakhpur News: नेपाल में गीता प्रेस संस्थापक जय किशन सारडा ने बताया कि नेपाल में पांच वर्षों में पुस्तकों की बिक्री की कार्ययोजना बनी है।

Update: 2024-04-19 02:17 GMT

Gorakhpur News (Pic:Newstrack)

Gorakhpur News: धार्मिक पुस्तकों का तीर्थ कहे जाने वाले गोरखपुर के गीता प्रेस का विस्तार तेजी से विदेशों में भी हो रहा है। नेपाल में किराये के भवन में चल रही गीता प्रेस की शाखा का अब अपना भवन होगा। गीता भवन के बनने के बाद पुस्तकों की बिक्री का लक्ष्य 2 करोड़ रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 5 करोड़ कर दिया गया है। शुक्रवार को नेपाल में देवी पुराण के विमोचन कार्यक्रम में गीता भवन बनाने का निर्णय लिया गया।

गीताप्रेस ट्रस्ट नेपाल में प्रस्तावित भवन में पुस्तकों के विक्रय, गोदाम के साथ संतों और गुरुकुल के विद्यार्थियों के लिए आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। नेपाल में गीता प्रेस संस्थापक जय किशन सारडा ने बताया कि नेपाल में पांच वर्षों में पुस्तकों की बिक्री की कार्ययोजना बनी है। गीता भवन से पांचवें वित्तीय वर्ष में पांच करोड़ रुपए का रखा गया है। बीते वित्तीय वर्ष में दो करोड़ रुपये की पुस्तकें बेचने वाली गीताप्रेस की नेपाल शाखा के सभी कामकाज अभी किराए के भवन में किए जा रहे हैं।

नेपाली भाषा में 55 पुस्तकों की हो रही बिक्री

काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर के नजदीक तिलगंगा से सटे होटल आनंद पशुपति में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर आयोजित श्री रामकथा में पुराणों की श्रृंखला में श्रीमद्भागवत महापुराण, श्री शिव पुराण एवं श्री विष्णु पुराण के बाद चौथे पुराण श्रीमददेवीभागवत के नेपाली संस्करण का विमोचन किया गया। इस अवसर पर गीता प्रेस के नेपाल केंद्र के व्यवस्थापक जय किशन सारडा ने गीता भवन के निर्माण को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके निर्माण की जिम्मेदारी गीताप्रेस नेपाल के ट्रस्टी बिनोद कुमार मोर व निर्मल कुमार धानुका को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि आठ वर्ष पूर्व पशुपति मंदिर क्षेत्र, काठमांडू में तीन कमरों से गीताप्रेस की धार्मिक पूस्तकों को जनजन तक पहुंचाने का काम शुरू किया गया। मोबाइल शॉप का भी संचालन किया जा रहा है। गीता प्रेस से नेपाली भाषा में रामचरितमानस, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, श्री दुर्गा सप्तशती, गरुड़ पुराण, सरोद्धवार, उपनिषद सहित लगभग 55 धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है।

दो अरब धार्मिक पुस्तकों को प्रकाशित करने का लक्ष्य

गीता प्रेस के ट्रस्टी लालमणि तिवारी का कहना है कि गीता प्रेस का लगातार विस्तार किया जा रहा है। अत्याधुनिक मशीनों ने पुस्तकों की छपाई में तेजी के साथ ही क्वालिटी भी सुधरी है। अब प्रिंटिंग प्रेस को गीडा में शिफ्ट करने की योजना है। पिछले 100 वर्षों में गीताप्रेस द्वारा कुल 95 करोड़ पुस्तकें छापी गई हैं, लेकिन गीताप्रेस ने अपनी स्थापना के 125 वें वर्ष यानी 2047 में दो अरब धार्मिक पुस्तकें छापने का लक्ष्य लिया है।

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