Gorakhpur: सीएम योगी के आह्वान का असर, नये सत्र से कौशल विकास के 64 कोर्स शुरू करेगा गोरखपुर यूनिवर्सिटी
Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुल 64 प्रकार के कौशल विकास से सम्बंधित कोर्स तैयार करा रहा है। इन सभी कोर्स को नए सत्र से शुरू करने की तैयारी है।
Gorakhpur News: गीडा से लेकर प्रदेश के किसी भी औद्योगिक यूनिट के शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ यूनिवर्सिटी से अपील करते हैं कि स्थानीय उद्योगों के हिसाब से कोर्स तैयार करें। युवाओं को तकनीकी रूप में दक्ष करें। सीएम के आह्वान और बदलते दौर में रोजगारपरक कोर्स की बढ़ती मांग को देखते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुल 64 प्रकार के कौशल विकास से सम्बंधित कोर्स तैयार करा रहा है। इन सभी कोर्स को नए सत्र से शुरू करने की तैयारी है।
डीडीयू में सत्र 2024-25 से चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। पहले सत्र में एडमिशन लेने वाले हर विद्यार्थी को अनिवार्य रूप से कौशल विकास से आधारित किसी एक कोर्स का चयन करना होगा। जो कोर्स जिन विभागों की अध्ययन प्रणाली के अनुरूप होगा, उसका संचालन उन्हीं विभागों की ओर से किया जाएगा। इसके लिए पाठ्यक्रम भी संबंधित विभागों से ही तैयार कराया जा रहा है। कोर्स निर्धारित करने के लिए विवि ने महाविद्यालयों को इसे सुझाने का अवसर दिया था। कई कॉलेजों ने इसके लिए प्रस्ताव भेजा भी है। बताते हैं कि ज्यादातर विभागों ने अपने लिए निर्धारित कोर्स का पाठ्यक्रम तैयार भी कर लिया है। सर्वाधिक पाठ्यक्रम तैयार करने वाले विभागों में गणित और गृह विज्ञान विभाग शामिल हैं। यदि बेहतर प्रस्ताव मिलते हैं तो पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। सभी विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से पहले तीन सेमेस्टर के दौरान इनमें से एक-एक कोर्स का चयन करना होगा। छात्रों को इसका प्रमाण पत्र तो मिलेगा ही हर सेमेस्टर में तीन क्रेडिट भी मिलेगा। यह सम्पूर्ण क्रेडिट में जुड़ेगा।
कॉलेजों में भी चलेंगे पाठ्यक्रम
इस सम्बंध में कई कॉलेजों ने अपना प्रस्ताव डीडीयू को दिया है। जल्द ही विश्वविद्यालय प्रशासन इसे लेकर निर्णय लेगा कि कौन-कौन कॉलेज अपने संस्थान में कौन से पाठ्यक्रम संचालित कर सकेंगे। शर्त यह होगी कि कॉलेजों में संचालित होने वाला कौशल विकास कोर्स डीडीयू के बोर्ड ऑफ स्टडीज से पास होना चाहिए। कुलपति प्रो.पूनम टंडन का कहना है कि स्थानीय उद्योगों को ध्यान में रखकर रोजगाकर पाठ्यक्रमों को संचालित करने का निर्णय लिया गया है। अगल-अलग विभागों ने अब तक ऐसे 64 पाठ्यक्रमों को चिह्नित किया है। नए सत्र से यह योजना पूरी तरह लागू की जाएगी।