Gorakhpur News: एक और तीन नंबर के अंतर से फेल हो गए प्रदेश के 12 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के सैकड़ों छात्र, गोरखपुर धरना देने पहुंचे छात्र
Gorakhpur News: छात्रों का आरोप है कि बीएएमएस प्रथम वर्ष की परीक्षा में कॉपियों की जांच में लापरवाही के कारण ज्यादातर छात्र एक से पांच नम्बर तक कम मिलने से फेल हुए हैं।
Gorakhpur News: प्रदेश के 12 आयुर्वेदिक मेडिकल कालेजों के छात्र कॉपी चेकिंग में चूक को लेकर गोरखपुर में स्थित आयुष यूनिवर्सिटी में धरना देने पहुंच गए हैं। एक से तीन नंबर के अंतर से फेल 80 से अधिक छात्र-छात्राएं मंगलवार से ही धरने पर बैठी हैं। मंगलवार दोपहर महायोगी गुरु गोरखनाथ राज्य आयुष विवि पिपरी पहुंचे छात्र-छात्राओं का कहना है कि कापियों को दोबारा चेक कर गलती नहीं सुधारी गई तो वे कोर्ट जाने को विवश होंगे। विवि प्रशासन का कहना है कि कॉपियों का मूल्यांकन एनसीआईएसएम के नियमानुसार कराया गया है।
छात्रों का आरोप है कि बीएएमएस प्रथम वर्ष की परीक्षा में कॉपियों की जांच में लापरवाही के कारण ज्यादातर छात्र एक से पांच नम्बर तक कम मिलने से फेल हुए हैं। छात्रों ने कॉपियों की दोबारा जांच कराये जाने की मांग को लेकर दो घण्टे तक कार्यालय के सामने हंगामा किया। आजमगढ़ से आये सूर्य प्रकाश सिंह, पीलीभीत से शैफ, फरुखाबाद से विनम्र सिंह, नोएडा से राजेश कुमार आदि ने आरोप लगाया है कि एनसीआईएसएम (नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन) के नियमों में जो प्रश्नपत्र दो नम्बर के थे। उसे दस नम्बर के कर दिए गए थे। इसके साथ ही छात्रों ने कॉपियों की जांच में भी लापरवाही का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि बीएचएमएस में परीक्षा कॉपियों की दोबारा जांच की व्यवस्था है तो बीएएमएस के छात्रों की परीक्षा की कापियों की रिचेकिंग क्यों नहीं करायी जा रही है। इसके साथ ही बुलंदशहर, गजरौला, कानपुर, बदायूं, लखनऊ आदि जनपदों से आये छात्रों में परीक्षा की कॉपियों की रिचेकिंग कराने को लेकर काफी आक्रोश दिखा।
एक से लेकर तीन नंबर से फेल हुए हैं छात्र
प्रदेश के 68 आयुर्वेदिक मेडिकल कालेजों में बीएएमएस के वर्ष 2021-22 की परीक्षा में 3729 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था, जिसमें 2284 छात्र ही पास हुए थे। फेल छात्रों में ज्यादातर पदार्थ विज्ञान, रचना विज्ञान, संहिता अध्ययन के पेपर में एक से तीन नम्बरों से फेल हुए हैं। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों ने कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन के लिए आयुष विश्वविद्यालय से सम्पर्क करना शुरू कर दिया। जब उन्हें कोई सार्थक जवाब नहीं मिला तो वे विश्वविद्यालय पहुंच गए।
जिम्मेदारों ने दिया ये जवाब
बीएएमएस प्रथम वर्ष के फेल छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात भी की। छात्रों ने कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन के लिए पत्र दिया है। वहीं कुछ छात्रों ने कहा कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे। आयुष यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आरबी सिंह का कहना है कि एनसीआईएसएम ने बीते वर्ष पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था समाप्त कर दी है। नियमानुसार परीक्षा परिणाम घोषित किये गए हैं। इसके पश्चात समस्त राजकीय एवं निजी अधीक्षक/प्राचार्य को इससे सम्बंधित पत्र भी भेज दिया गया है, जिसमें भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग आयुष मंत्रालय के आदेश का उल्लेख भी किया है। वहीं परीक्षा नियंत्रक प्रो.सीके राजपूत का कहना है कि एनसीआईएसएम के सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए कॉपियों की ऑनलाइन जांच करायी गयी है। छात्रों के आरोप निराधार है। हालांकि कॉपियों की पुन जांच के लिए छात्रों द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया है। आगामी दिनों में होने वाली परीक्षा समिति की बैठक में मामले से अवगत करा दिया जाएगा।