Gorakhpur: मुआवजे की रकम के विरोध पर किसानों को थाने बुलाया, पहुंच गईं सपा प्रत्याशी Kajal Nishad

Gorakhpur News: जंगल कौड़िया से लेकर जगदीशपुर तक रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण में मुआवजे की रकम को लेकर विरोध करने वाले किसानों को पुलिस थाने बुलाने पर काजल निषाद थाने पहुंच गईं।

Update:2024-03-19 21:05 IST

गोरखपुर गुलरिहा थाने में थानेदार से सपा प्रत्याशी काजल निषाद की हुई बहस। (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जंगल कौड़िया से लेकर जगदीशपुर तक रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण में मुआवजे की रकम को लेकर विरोध करने वाले किसानों को पुलिस थाने बुलाकर अपने अंदाज में समझा रही है। मंगलवार को मामला तब तूल पकड़ लिया जब गुलरिहा थाने में बुलाए गए ऐसे ही किसानों के समर्थन में गोरखपुर से सपा की प्रत्याशी काजल निषाद पहुंच गईं। थानेदार ने नेत्री के सामने ही लोगों को खदेड़ा तो काजल निषाद ने कहा कि पुलिस की नौकरी संविधान की शपथ लेकर कर रहे हैं, या फिर सत्ताधारी पार्टी की।

100 से अधिक किसान पहुंचे थे थाने

जंगल कौड़िया से जगदीशपुर फोरलेन रिंग रोड से प्रभावित 100 से अधिक किसान मंगलवार को गुलरिहा थाने पहुंचे। किसानों के समर्थन में सपा नेत्री एवं सदर सांसद प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ काजल निषाद भी पहुंच गईं। हालांकि किसानों को थाने बुलाने के सवाल पर पुलिस ने पल्ला झाड़ लिया। थाने पर किसानों के समर्थन में गई सपा नेत्री और पुलिस के बीच बहस भी हुई। इस दौरान पुलिस ने किसानों को थाने बुलाए जाने की बात से इनकार कर दिया। पुलिस का कहना है कि किसानों को जो भी समस्या है वे अपनी बात उच्चाधिकारियों को अवगत कराएं।

उचित मुआवजे के लिए कर रहे हैं प्रदर्शन

बेलवारायपुर, बनकटी उर्फ इटहिया आदि गांवों के किसानों का आरोप है कि सोमवार को उनके गांव में नायब तहसीलदार के साथ गुलरिहा पुलिस गई थी। किसानों द्वारा रिंग रोड में गई जमीनों का उचित मुआवजा के लिए गांवों में लगाये गए बैनर को आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए अधिकारियों ने उतरवा दिया। पन्नेलाल का आरोप है कि पुलिस ने किसानों को थाने पर बुलाया था। एक तो उन्हें उनकी कीमती जमीनों का उचित मुआवजा भी नहीं मिल रहा है ऊपर से उनका बैनर भी उतरवा दिया गया। गुलरिया थाने के प्रभारी निरीक्षक शशि भूषण राय ने बताया कि किसानों को थाने नहीं बुलाया गया था। सपा नेत्री से कहा गया कि चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। वह सम्बन्धित उच्चाधिकारियों से मिलकर अपनी बात रखें। शांति व्यवस्था में खलल डालने वालों से सख्ती से पुलिस निपटेगी।

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