अब इंटर के बाद ही कर सकेंगे चार वर्षीय B.Ed की पढ़ाई, MMMUT और DDU में अगले सत्र से प्रवेश
Gorakhpur News: डीडीयू की कुलपति प्रो.पूनम टंडन का कहना है कि इंटरमीडिएट करने के बाद ही विद्यार्थी चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर सकेंगे।
Gorakhpur News: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अब बीटेक, एमटेक, एमबीए आदि के साथ ही बीएड् की पढ़ाई भी होगी। यूनिवर्सिटी में एनसीटीई (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन) में आवेदन के लिए टीम भी गठित कर दी गई है। सब ठीक रहा तो सत्र 2025-26 से इसका संचालन शुरू हो जाएगा। पाठ्यक्रम को लेकर अनुमति मिलने के बाद इंटर के बाद ही छात्र 4 साल बीएड् कोर्स कर स्तानक की डिग्री हासिल कर सकेंगे।
इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होने के बाद ही बीएड में प्रवेश मिलेगा। यानी अब बीएड करने के लिए स्नातक पास होना जरूरी नहीं होगा। चार वर्षीय यह पाठ्यक्रम आइटीईपी (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) नाम से होगा। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय इसके संचालन की तैयारियां कर रहे हैं। एनईपी-20202 के अनुपालन में इस पाठ्यक्रम की शुरुआत होने जा रही है। एनसीटीई ने इसके लिए कुछ मानक तय किया है। उस मानक पर डीडीयू और एमएमएमयूटी दोनों खरे उतरते हैं। मानक पूरा होने में नैक में ग्रेड की बड़ी भूमिका है। एनसीटीई द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार 10 अंक प्राप्त करने हैं। इसमें डीडीयू को ए प्लस-प्लस ग्रेड के कारण 8 अंक, एमएमएमयूटी को ए ग्रेड मिलने के कारण 6 अंक मिलेंगे। दोनों संस्थान 30 वर्ष से अधिक समय से स्थापित हैं, इसके लिए भी उन्हें चार-चार अंक मिलेंगे।
अर्हता के लिए ये हैं मानदंड
बीएड चार वर्षीय संचालन के लिए विभिन्न मानदंडों पर 10 अंक पाना अनिवार्य।
नैक में ग्रेड: ए प्लस-प्लस- 8 अंक, ए प्लस- 7 अंक, ए-6 अंक, बी प्लस- 5 अंक, बी-4 अंक।
एनआईआरएफ: 100 रैंक तक- 4 अंक, 101 से 300 रैंक तक- 3 अंक, 301 से 500 रैंक तक- 2 अंक, 501 से अधिक- 1 अंक।
संस्थान की स्थापना: 30 वर्ष से अधिक- 4 अंक, 25 साल से अधिक - 3 अंक, 10 वर्ष से अधिक-2 अंक, 10 से कम-1 अंक।
एनसीटीई के शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम संचालित करने वाले संस्थान : 2 अंक
कुलपतियों ने कहा अगले सत्र से शुरू होगी पढ़ाई
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी सैनी का कहना है कि एनईपी में तकनीकी संस्थानों में भी चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम का प्रावधान किया गया है। इसे देखते हुए इस कोर्स के संचालन के लिए योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। बहुत जल्द एनसीटीई में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। स्वीकृति मिलने के बाद बीएड पाठ्यक्रम शुरू हो जाएगा। वहीं, डीडीयू की कुलपति प्रो.पूनम टंडन का कहना है कि इंटरमीडिएट करने के बाद ही विद्यार्थी चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर सकेंगे। पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर एनसीटीई में आवेदन के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। पूरी कोशिश है कि सत्र 2025-26 से विवि से इस पाठ्यक्रम में अध्ययन का अवसर छात्रों को मिले।