Gorakhpur News: बलिया कांड से सहमे अधिकारी, जांच में कई आवेदक शादीशुदा मिले, कुछ ने शादी से किया इंकार

Gorakhpur News: बलिया में पिछले दिनों मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद गोरखपुर में होने वाले शादी समारोह को लेकर अधिकारी पूरी सर्तकता बरत रहे हैं।

Update: 2024-02-13 10:08 GMT

सामूहिक विवाह योजना की जांच में कई आवेदक मिले शादीशुदा (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: बलिया में पिछले दिनों मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद गोरखपुर में होने वाले शादी समारोह को लेकर अधिकारी पूरी सर्तकता बरत रहे हैं। सीडीओ द्वारा नामित अधिकारियों की दस टीमों ने 1600 आवेदनों की जांच की तो इसमें से कई शादी शुदा मिले। उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही 50 से अधिक जोड़ों ने शादी से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने सामूहिक कार्यक्रम में शादी नहीं करने का निर्णय लिया है। उन्होंने अनुदान के लिए ही शादी का आवेदन किया था।

14 फरवरी को गोरखपुर के फर्टिलाइजर कैंपस में 1000 जोड़ों की सीएम की मौजूदगी में शादी होनी है। ऐसे में अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि बिना आधार कार्ड के दूल्हा-दुल्हन की कार्यक्रम स्थल पर एंट्री नहीं हो सकेगी। अधिकारियों की टीमें आधार कार्ड के आधार पर जोड़ों का सत्यापन करेगी। बता दें कि सामूहिक विवाह के लिए 1600 से अधिक जोड़ों ने आवेदन किया था। जिला विकास अधिकारी के निर्देश पर दस टीमों को सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई थी। जिम्मेदारों के मुताबिक, 15 से 20 फीसदी जोड़े ऐसे मिले जिनकी शादियां पहले ही हो चुकी थीं। कईयों ने दलील दी है कि शादी में देरी के चलते शुभ मुहूर्त देखकर उन्होंने शादी रचा ली। वहीं कई ऐसे जोड़ों ने शादी से इंकार कर दिया जो सामूहिक विवाह में नहीं शामिल होना चाहते। ये दलील दे रहे हैं कि उन्होंने शादी अनुदान के लिए आवेदन किया था।

दुल्हा-दुल्हन दोनों को आधार कार्ड लाना अनिवार्य

समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ट नारायण सिंह का कहना है कि दुल्हा-दुल्हन दोनों को आधार कार्ड लाना अनिवार्य है। सत्यापन होने के बाद ही कार्यक्रम के लिए एंट्री दी जाएगी। अधिकारियों की जांच में जो जोड़े विवाहित मिले हैं, उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया है। कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने शादी अनुदान समझ कर आवेदन किया था। उन्होंने सामूहिक विवाह में शामिल होने से इंकार कर दिया है। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 से अब तक समाज कल्याण विभाग मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सिर्फ गोरखपुर जिले में ही 7620 शादियां सम्पन्न करा चुकी है। अब इसमें एक हजार की संख्या और जुड़ जाएगी।

हिन्दू और मुस्लिम जोड़ों के लिए अलग-अलग व्यवस्था

हिन्दू और मुस्लिम जोड़ों के वैवाहिक संस्कार के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। मुस्लिम जोड़ों को मौलवी निकाह पढ़ाएंगे। वहीं हिन्दू जोड़ों के लिए विभाग के लिए पुरोहित की व्यवस्था की गई है। विभाग के अधिकारियों द्वारा जोड़ों का पात्र घोषित करने के बाद ही उन्हें गिफ्ट के लिए कूपन का आवंटन किया जाएगा। कूपन लेकर उनके गार्जियन गिफ्ट ले सकेंगे। अलग-अलग ब्लाक के लिए अलग काउंटर बनाए जा रहे हैं। जिससे किसी प्रकार की अफरातफरी नहीं हो सके।

प्रति विवाह खर्च होंगे 51 हजार रुपये

प्रति विवाह पर सरकार की तरफ से 51 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से 35 हजार रुपये विवाह बंधन में बंधने जा रही कन्या के बैंक खाते में अंतरित कर दिए जाते हैं। 10 हजार रुपये उपहार व शेष राशि अन्य खर्चों के मद में है। सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत सरकार वर-वधू को उपहार भी देती है। इसमें वधू के लिए विवाह हेतु कढ़ाई की एक साड़ी, एक चुनरी, एक डेली यूज की साड़ी, वर हेतु कुर्ता पायजामा, पगड़ी तथा माला, मुस्लिम विवाह के लिए वधू को कढ़ाई वाला सूट, चुनरी, सूट का कपड़ा, वर हेतु कुर्ता पायजामा आदि देती है। आभूषण में चांदी की पायल, बिछुआ भी प्रदान किया जाता है। गृहस्थी के समान में कुकर, जग या लोटा, थाली, गिलास, कटोरा व चम्मच, बक्सा तथा प्रसाधन सामग्री से भरी श्रृंगारदानी दी जाती है।

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