इधर से आलू डालो, उधर से सोना निकलेगा, मरीज माफिया ने राहुल गांधी के बयान को हकीकत में बदला
Gorakhpur News: मरीज माफिया गिरोह का सरगना मनोज निगम पिछले दिनों तब सुर्खियों में आया जब गोरखपुर में इशु अस्पताल में एक मुर्दे के इजाज का मामला सामने आया।
Gorakhpur News: भाजपा की आईटी टीम ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को काट छांट कर वायरल किया तो वह खूब हिट हुआ। इस वीडियो में राहुल गांधी कहते सुनाई दे रहे हैं कि ...एक तरफ से आलू डालो, दूसरी तरफ से सोना निकलेगा। यह बात भले ही दूसरे संदर्भ में कही गई हो लेकिन गोरखपुर के मनोज निगम ने इसे आत्मसात किया और हकीकत में बदल दिया। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के सामने चंद वर्ष पहले तक आलू बेचने वाला मनोज निगम के पास वर्तमान में तीन करोड़ कीमत का मकान है, और लग्जरी गाड़ियां भी। ऐसे उसने मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों के बीच मरीजों की दलाली कर कमाया है। फिलहाल मनोज फरार है, और पुलिस उसे तलाश रही है।
मरीज माफिया गिरोह का सरगना मनोज निगम पिछले दिनों तब सुर्खियों में आया जब गोरखपुर में इशु अस्पताल में एक मुर्दे के इजाज का मामला सामने आया। पुलिस की जांच में पता चला कि मरीज को बीआरडी मेडिकल कॉलेज से निकाल कर निजी अस्पताल को बेचा गया था। अस्पताल वाले मोटी कमाई के लिए मरीज की मौत के बाद भी बिल बना रहे थे। खैर अब मनोज की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। माना जा रहा है कि मनोज निगम के पकड़े जाने के बाद गैंग में शामिल कई और लोगों के नाम सामने आएगा। मनोज की इस धंधे की अकेले 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बताया जा रहा है कि वह पुलिस से बचने के लिए नेपाल भाग गया है। मनोज निगम पहले आलू का ठेला लगाता था, लेकिन मरीजों की सप्लाई कर अब करोड़पति बन गया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह में शामिल मेडिकल कर्मियों की मदद से मरीज को बीआरडी मेडिकल कॉलेज से बाहर निकाला जाता है। मेडिकल कर्मी तीमारदारों को ऐसे नर्सिंग होम का नाम बताते हैं, जो प्रतिष्ठित है। बाहर आते ही तीमारदार को मरीज माफिया गिरोह में शामिल लोग बड़े अस्पताल में महंगा इलाज बताकर सस्ता और बेहतर इलाज कराने का झांसा देकर सेटिंग वाले अस्पताल में लेकर चले जाते हैं।
मरीजों के सौदे में ऑटो गैंग भी शामिल
बीआरडी मेडिकल कॉलेज से मरीजों की खरीद-फरोख्त के मामले में एंबुलेंस माफिया के साथ ही ऑटो गैंग के भी सक्रिय होने की जानकारी मिली है। पुलिस को पता चला है कि गिरोह के लोग मरीजों को मेडिकल कॉलेज से निकालकर ऑटो से भी प्राइवेट अस्पताल में ले जाते हैं। इन मरीजों को ज्यादातर मेडिकल कॉलेज के आसपास के नर्सिंग होम में ले जाया जाता हैं, ताकि ऑटो से ज्यादा दूर सफर न करना पड़े। इनके नेटवर्क में भी एक दर्जन से अधिक अस्पताल हैं। उधर, मरीजों को बरगलाकर प्राइवेट अस्पताल भेजने के मामले में बीआरडी के पूछताछ केंद्र के कर्मचारियों की भूमिका सामने आने के बाद पुलिस ने उनके बारे में मेडिकल कॉलेज प्रशासन से जानकारी मांगी है। इस मामले में पुलिस ने अब तक सात आरोपितों को जेल भेज चुकी है। पुलिस की जांच में पता चला है कि शहर के 10 और नर्सिंग होम ऐसे हैं, जो इसी तरह के नेटवर्क के भरोसे संचालित किए जा रहे हैं। इन संदिग्ध नर्सिंग होम की जांच तेज कर दी गई है।