Gorakhpur University: आखिरकार हटाए गए गोरखपुर विश्वविद्यालय के विवादित कुलपति प्रो.राजेश सिंह, अब इन्हें मिली जिम्मेदारी
Gorakhpur University: दीन दयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेश सिंह पिछले दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आक्रोश की आग में झुलसे थे। तब छात्रों ने प्रो.राजेश सिंह की पिटाई कर दी थी।
Gorakhpur University: विवादों से नाता रखने वाले गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश सिंह को आखिरकार कुलाधिपति के आदेश के बाद हटा दिया गया। राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. पूनम टंडन को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है।
उनका कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष का होगा। अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर एम. बोबड़े ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। प्रो. पूनम टंडन लखनऊ विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान विभाग की अध्यक्ष रही हैं। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश सेंटर फॉर रैंकिंग एक्रीडिटेशन एंड मेंटरशिप (उपक्रम) की महानिदेशक भी हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह का कार्यकाल आगामी पांच सितंबर को समाप्त हो रहा है। वह दूसरे कार्यकाल के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे। प्रो. सिंह को दूसरा कार्यकाल मिलने की उम्मीद थी, क्योंकि उनके कार्यकाल में गोरखपुर विश्वविद्यालय को नैक की ‘एक प्लस प्लस’ ग्रेड हासिल हुई थी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने की थी कुलपति की पिटाई
दीन दयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेश सिंह पिछले दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आक्रोश की आग में झुलसे थे। तब छात्रों ने प्रो.राजेश सिंह की पिटाई कर दी थी। डीडीयू के इतिहाल में 67 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि छात्रों के हाथ कुलपति के गिरेबान तक पहुंचे। 5 सितम्बर 2021 को शिक्षक दिवस के दिन प्रो.राजेश सिंह ने कार्यभार ग्रहण किया था। इसके बाद से ही कुलपति ने सारी शक्तियां अपने में समाहित कर लीं। कहने को तो विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार भी हैं, कुलसचिव भी और विभिन्न विभागों के अध्यक्ष भी। लेकिन एक भी निर्णय बिना कुलपति के सहमति के नहीं लिया जा सकता है।
इस लिए फूटा था गोरखपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों का गुस्सा
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में पिछले महीने आधा दर्जन से अधिक विभागों के सैकड़ों छात्रों ने अलग-अलग समूहों में भारी शुल्क वृद्धि समेत विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। छात्रों से बात करने गए मुख्य नियंता से भी छात्रों की तीखी बहस हुई। बात नहीं बनी तो नाराज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने यूनिवर्सिटी में कुलपति कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की। छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज किया। लाठीचार्ज में कई छात्रों को गम्भीर चोटें आई। एमबीए तृतीय सेमेस्टर के छात्रों का आरोप है कि पहले उनकी सालाना फीस 68 हजार थी, उसे एक लाख रुपये कर दिया गया है। बीबीए द्वितीय वर्ष के छात्रों ने बताया कि उनकी फीस 30 से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई। बीबीए तृतीय वर्ष के छात्रों की फीस 18 से 50 हजार रुपये कर दी गई। बीए एलएलबी के छात्रों के मुताबिक उनकी फीस 34500 रुपये थी, उसे बढ़ाकर 40 हजार कर दिया गया है।