Gorakhpur News: साहित्यकारों की झोली में गिरे खूब सम्मान, पद्मश्री से लेकर हरिकृष्ण देवसरे सम्मान

Gorakhpur News: गोरखपुर शहर के प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

Update:2023-12-01 11:25 IST

प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (Newstrack)

Gorakhpur News: जनवरी से लेकर दिसम्बर महीने तक गोरखपुर के साहित्यकारों की हिस्से में खूब सम्मान आए हैं। गोरखपुर के साहित्यकार प्रो.विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को जहां पद्मश्री मिला तो वहीं कथाकार अमित कुमार ने प्रतिष्ठित हरिकृष्ण देवसरे सम्मान मिला है। प्रदेश सरकार की तरफ से मिलने वाले सम्मान में भी गोरखपुर के साहित्यकारों की हिस्सेदारी काफी बढ़ी है।

सातवां हरिकृष्ण देवसरे सम्मान दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में 30 नवम्बर को प्रख्यात साहित्यकार बालस्वरूप राही के हाथों गोरखपुर के साहित्यकार अमित कुमार को प्रदान किया गया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें स्मृति चिन्ह, प्रमाणपत्र एवं 75 हज़ार रुपया नकद प्रदान किया गया। लेखक और विज्ञान संचारक देवेंद्र मेवाड़ी ने कहा कि अमित कुमार की कहानियां बोलती हैं। उनकी कहानियों में जितनी वैविध्यता है, वह कम लेखकों में होती है l वे विज्ञान कथाएं लिखते हैं। बाल साहित्य में भी उनका काम उत्कृष्ट है। बाल स्वरूप राही ने कहा कि उनका लेखन हमें आश्वस्त करता है कि पढ़ने की संस्कृति का ह्रास नहीं हो सकता है।

हरिकृष्ण देवसरे सम्मान साहित्यकार अमित कुमार को दिया गया

प्रो. विश्वनाथ प्रसाद को पद्मश्री

भारत सरकार द्वारा विशिष्ट योगदान के लिए दिए जाने वाले सबसे बड़े पद्म पुरस्कारों की बीते दिनों घोषणा की थी। जिसमें गोरखपुर शहर के प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। मूल रूप से कुशीनगर के भेड़ीहारी गांव के रहने वाले प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का जन्म 20 जून 1940 को हुआ था। वह साहित्य अकादमी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। गोरखपुर से वह अपनी त्रैमासिक पत्रिका ‘दस्तावेज’ का प्रकाशन भी करते हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर के साथ हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष के पद पर भी रहे। सन् 2001 में सेवानिवृत्त होने के बाद 2013 से लेकर 2017 के बीच साहित्य अकादमी के अध्यक्ष भी रहे। इनकी मुख्य रचनाएं हैं, आखर अनंत, आत्मा की धरती, अंतहीन आकाश, एक नाव के यात्री हैं।

उप्र उर्दू अकादमी पुरस्कारों में भी गोरखपुर का परचम

उप्र उर्दू अकादमी ने बीते दिनों 2019 व 2021 के पुरस्कारों की घोषणा की थी। अकादमी के पुरस्कारों की अगल-अलग श्रेणी में गोरखपुर के शहर के कई साहित्यकार व सामाजिक कार्यकर्ता के नाम शामिल हैं। जिले के जो साहित्यकार पुरस्कार के लिए चयनित किए गए हैं उनमें बराये कौमी यकजहती के लिए टीएन श्रीवास्तव ‘वफा गोरखपुरी’ व महेश अश्क को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इनके अलावा बाबा-ऐ-उर्दू मौलवी अब्दुल हक इनाम बराये फरोग उर्दू अदब, सैयद फरीद अहमद और बाबा-ऐ-उर्दू मौलवी अब्दुल हक इनाम बराये फरोग उर्दू अदब के लिए सलाम फैजी को एक-एक लाख का पुरस्कार दिया जाएगा।


प्रो. मो. हसन इनाम बराऐ तद्रीस के लिए प्रो. फिरोज अहमद को डेढ़ लाख तथा वरिष्ठ उर्दू पत्रकार में ऐहतेशाम अफसर को 50 हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की गई है। इसी क्रम में प्रो. काजी जमाल हुसैन की किताब ‘दामे आगही’, डॉ. अजीज अहमद की किताब ‘यादों के इनतेखाब ने’, प्रो. फिरोज अहमद की किताब ‘तहकीक’ के लिए अकादमी ने 25-25 हजार रुपये, उभरते हुए नौजवान साहित्यकार डा. अशफाक अहमद उमर की किताब ‘गालिब से अने हाजिर तक’ पर अकादमी ने 20 हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है। डॉ. इनामुल हक और नौजवान शायरा नुसरत अतीक की किताबों पर भी अकादमी ने पुरस्कार घोषित किया है।

मा.सुंदरलाल स्मृति सम्मान 2023 देवेंद्र आर्य को

स्वतंत्रता सेनानी मास्टर सुंदरलाल स्मृति न्यास मेरठ , अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच मेरठ और न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में विगत 4 नवम्बर को मेरठ में आयोजित समारोह में साहित्यकार देवेन्द्र आर्य को तीसरा मास्टर सुंदरलाल स्मृति सम्मान 2023 प्रदान किया गया था। पंडित प्यारेलाल शर्मा स्मारक सभागार मेरठ में आयोजित किया गया था। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि और भगत सिंह खंडकाव्य के प्रणेता कौशल कुमार ने की थी। 

साहियकार देवेंद्र आर्य

 

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