Gorakhpur News: पूर्वांचल की 90 साल पुरानी जूट मिल घाटे में बंद, 1700 कर्मचारियों-मजदूरों के सामने संकट

Gorakhpur News: महावीर जूट मिल के मजदूर संघ अध्यक्ष जिलाजीत पांडे ने कहा कि मिल बंद होने के कारण करीब एक हजार मजदूर सड़क पर आ गये। मिल प्रबंधन को मजदूरों की वार्ता लेबर कमिश्नर स्तर पर प्रमुख सचिव श्रम से करानी थी, लेकिन नहीं कराई गई।;

Update:2024-12-09 09:22 IST

 पूर्वांचल की 90 साल पुरानी जूट मिल घाटे में बंद, 1700 कर्मचारियों-मजदूरों के सामने संकट (newstrack)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सहजनवां क्षेत्र में आजादी से पूर्व स्थापित पूर्वांचल की पहली जूट मिल को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। वर्ष 1935 स्थापित इस मिल में 1700 से अधिक स्थाई कर्मचारी और मजदूर काम करते थे, अब इनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मिल प्रबंधन का कहना है कि मिल की धागा बनाने वाली यूनिट चालू है। मिल में कर्मचारियों के देयकों का भुगतान लेबर कमिश्नर के समक्ष हुए समझौते के तहत मार्च से लेकर जून तक कर दिया जाएगा।

मिल प्रबंधन का कहना है कि 8 दिसम्बर से दी महावीर जूट मिल को पूरी तरह बंद किया जा रहा है। जूट यूनिट से संबधित फैक्ट्री बंद होने से काम देना संभव नहीं है। बीते 21 अक्तूबर को हुए समझौते के आधार पर सभी देयकों का भुगतान किया जाएगा। मिल में काम कर रहे मजदूर राजकुमार यादव और मुरारी मदन लाल आदि का कहना है कि मिल प्रबंधन को शासन से वार्ता करनी चाहिए थी। यह एक हजार मजदूर व उनके परिवार के रोटी रोजी का सवाल था। प्रबंधतंत्र ने मिल को बंद करने को लेकर कहा है कि जूट यूनिट कच्चा माल बंगाल एवं उसके आसपास के स्थान से खरीदती थी। जूट उत्पादन की बिक्री ज्यादातर उत्तर प्रदेश के बाहर होती थी। इस कारण जूट यूनिट में बंगाल की मिलों के मुकाबले कच्चे माल एवं उत्पादित माल दोनों में ही ढुलाई का अतिरिक्त खर्चा आता था। बाजार में कच्चे माल के दाम, बिजली की दर, लेबर चार्ज तथा उत्पादित माल के विक्रय मूल्य पर प्रबंधतंत्र का कोई नियंत्रण न होने से परिस्थितियां नियंत्रण से बाहर हो गईं। महावीर जूट मिल, सहजनवा में मुख्य कार्यपालक अधिकारी धीरज मस्करा का कहना है कि मिल बंदी का नोटिस चस्पा किया गया है। मजदूरों और कर्मचारियों को समझौते के आधार पर भुगतान किया जाना है। तीन से चार दिन में पूरी स्थिति साफ हो जाएगी। मिल को दोबारा चालू करने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है।

सड़क पर आ गए कर्मचारी

महावीर जूट मिल के मजदूर संघ अध्यक्ष जिलाजीत पांडेय ने कहा कि मिल बंद होने के कारण करीब एक हजार मजदूर सड़क पर आ गये। मिल प्रबंधन को मजदूरों की वार्ता लेबर कमिश्नर स्तर पर प्रमुख सचिव श्रम से करानी थी, लेकिन नहीं कराई गई। मिल प्रबंधन ने मार्च में मजदूरों की ग्रेच्युटी का भुगतान तो जून में क्षतिपूर्ति का भुगतान करने का आश्वासन दिया है। प्रबंधतंत्र ने प्रतिष्ठान को बचाने के लिए शासन स्तर पर गम्भीर प्रयास किया होता, तो परिणाम कुछ और होता।

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