Gorakhpur News: रेल अफसर को 5 लाख रुपये घूस लेते CBI के हत्थे चढ़ा, ऐसे बिछाया गया था जाल
Gorakhpur News:सीबीआई की टीम ने अधिकारी को पांच लाख रुपये घूस लेते दबोचा। इसके साथ ही लखनऊ से आई सीबीआई की दो टीमों ने गोरखपुर में अलग-अलग जगहों पर जांच की।
Gorakhpur News: पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय में प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी को आवास पर मंगलवार की देर रात सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की। सीबीआई की टीम ने अधिकारी को पांच लाख रुपये घूस लेते दबोचा। इसके साथ ही लखनऊ से आई सीबीआई की दो टीमों ने गोरखपुर में अलग-अलग जगहों पर जांच की। एक टीम पीसीएमएम के आवास पर तो दूसरी टीम कार्यालय में देर रात तक फाइलों को खंगालती रही। सीबीआई ने इसी के साथ उनके नोएडा स्थित घर पर भी छापा मारा। सीबीआई ने यह कार्रवाई रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाली एक फर्म के संचालक की शिकायत पर की।
सीबीआई ने अधिकारी के नोएडा स्थित घर पर छापा मार कर 50 लाख रुपये की नगदी बरामद की है। रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाली फर्म सूक्ति एसोसिएट के प्रोपराइटर अलहदादपुर गोरखपुर के रहने वाले प्रणव त्रिपाठी ने घूस मांगे जाने की शिकायत सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच, लखनऊ के एसपी से 9 सितंबर को की थी। उन्होंने बताया था कि सूक्ति एसोसिएट जेम पोर्टल पर पंजीकृत है और फर्म को एक ठेका मिला है। जिसकी वैधता 15 जनवरी 2024 तक है। प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक ने उनकी फर्म का जेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए लिख दिया है। उन्होंने धमकी दी है कि सात लाख रुपये रिश्वत नहीं दी तो जेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के साथ चालू टेंडर भी रद्द करा देंगे। सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिक जांच कर केस दर्ज कर लिया और पीसीएमएम को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। उधर, नोएडा के डीसीपी हरीश चन्दर का कहना है कि इस मामले को लेकर लेकर संबंधित एजेंसी और विभाग की ओर से जानकारी नोएडा पुलिस से साझा नहीं की गई है। मामले की जानकारी की जा रही है।
ऐसे हुई कार्रवाई
पीसीएमएम के आवास पर सर्चिंग के दौरान अफसर के इंस्पेक्टर और ड्राइवर भी बैठाए गए थे। इस दौरान के सभी फोन जमा करा लिए गए थे और किसी को न तो बाहर जाने की अनुमति थी और न ही बाहर से अंदर आने की। उधर, सीबीआई की दूसरी टीम ने प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक कार्यालय पहुंच कर देर रात तक फाइलों की पड़ताल में जुटी रही। इस दौरान यहां दो क्लास-वन अफसरों को बैठाया गया था। एक-एक फाइल और उस पर दर्ज टिप्पणियों मायने समझने में टीम लगी रही।
पहले भी सवालों में रहा है विभाग
प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक कार्यालय पहले भी सवालों के घेरे में रहा है। बताया जाता है कि करीब छह माह पूर्व रेलवे की विजिलेंस टीम ने यहां जांच की थी। इस दौरान काफी गड़बड़ियां मिली थीं। टीम की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई भी हुई थी। इसी जांच के बाद उप मुख्य सामग्री प्रबंधक रितुराज का तबादला दूसरे जोन में कर दिया गया था। उस समय भी प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी ही रहे। वह करीब दो साल से यहां तैनात हैं।