Gorakhpur News: मान्यता प्राप्त रेल यूनियन चुनाव के लिए मतदान 4 दिसम्बर से, 45 हजार कर्मचारी 67 बूथों पर करेंगे मतदान
Gorakhpur News: नरमू, मेस कांग्रेस, पीआरकेएस, पीआरएसएस समेत छह संगठनों ने दावेदारी जताई है। सभी अपने-अपने संगठन की उपलब्धियां बताते हुए कर्मचारियों से संपर्क में जुटे हैं।
Gorakhpur News: रेलवे में कर्मचारी संगठनों की मान्यता के लिए मतदान 4 दिसम्बर से शुरू हो रहा है। 6 दिसम्बर तक होने वाली वोटिंग में तीन राज्यों के 67 बूथों पर 45 हजार से अधिक कर्मचारी पसंद के संगठन के पक्ष में वोटिंग करेंगे। मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन के लिए 11 साल बाद होने जा रहे चुनाव को लेकर कर्मचारियों में उत्सह है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में विधानसभा और लोससभा चुनाव जैसा माहौल दिख रहा है।
नरमू, मेस कांग्रेस, पीआरकेएस, पीआरएसएस समेत छह संगठनों ने दावेदारी जताई है। सभी अपने-अपने संगठन की उपलब्धियां बताते हुए कर्मचारियों से संपर्क में जुटे हैं। बता दें कि रेलवे में कर्मचारी संगठन को चुनाव के जरिए मान्यता मिलती है। जो संगठन चुनाव जीतता है वही अगले छह साल तक रेलवे के अफसरों के साथ मीटिंग में हिस्सा लेता है। उसकी बात सभी कर्मचारियों की सहमति मानी जाती है। इसीलिए यूनियन की मान्यता का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। पिछला चुनाव वर्ष 2019 में ही होना था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों और बाद में कोरोना के चलते इसे स्थगित किया गया था।
सबसे अपने एजेंडे
महामंत्री पीआरकेएस विनोद राय का कहना है कि पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) कर्मचारियों के हितों के लिए हर दिन संघर्ष करता है। हमारा संगठन राष्ट्रीय स्तर का है। कर्मचारियों की जिन समस्याओं का समाधान लखनऊ और गोरखपुर में नहीं हो सकता है, वह दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अफसरों से कराते हैं। देश के सबसे बयोवृद्ध कर्मचारी नेता नरमू के महामंत्री केएल गुप्ता ने कहा कि कर्मचारी हितों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। चुनाव में कर्मचारियों के लिए पदोन्नति, ट्रैकमैन के लिए पे-ग्रेड 4200 और आठवें वेतन आयोग को तत्काल प्रभाव से लागू कराने का मुद्दा उठाया है। इन्हीं मुद्दों को लेकर रेल कर्मियों के पास जा रहा हूं। उनका व्यापक समर्थन मिल रहा है।
पुरानी पेंशन स्कीम लागू कराना सबसे बड़ा मुद्दा
एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के सरंक्षक सुभाष दूबे का कहना है कि इस बार के चुनाव में पुरानी पेंशन स्कीम ही सबसे बड़ा मुद्दा है। कर्मचारी सभी संगठनों के क्रियाकलापों और नीतियों को अच्छी तरह से जानते हैं। उनके निर्णय से भविष्य की नीतियां तय होंगी। महामंत्री पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संग बजरंगी दुबे का कहना है कि संगठन की मान्यता के लिए होने बाले इस चुनाव में जो जीतेगा, उससे ही यह तय होगा कि कर्मचारी पुरानी पेंशन के पक्ष में हैं या नई पेंशन स्कीम में शामिल होना चाहते हैं। इसलिए कर्मचारी खुद इस बात का आकलन करें, कि वे अपना कैसा भविष्य चाहते हैं।