Gorakhpur: अहंकार, मणिपुर’, प्रतिपक्ष जैसे बयानों के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी की मुलाकात!

Gorakhpur News: ये मुलाकात भले ही औपचारिक बताई जा रही हो लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की इस मुलाकात पर नजरें हैं। गोरक्षपीठ और संघ के रिश्ते काफी पुराने हैं।

Update: 2024-06-13 05:50 GMT

CM Yogi and Mohan Bhagwat (photo: social media )

Gorakhpur News: चुनावी घमासान के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा द्वारा दिये गए बयान ‘भाजपा अब पहले की तुलना में काफी मजबूत हो गई है। इसलिए उसे अब संघ के समर्थन की जरूरत नहीं है’ के बाद संघ प्रमुख द्वारा यह कहा जाना कि ‘एक ‘सेवक’ को ‘अहंकारी’ नहीं होना चाहिए। चुनाव युद्ध नहीं है। विपक्ष दुश्मन नहीं है। प्रतिपक्ष है।’ यह बयान साफ संकेत कर रहा है कि वर्तमान भाजपा और संघ के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं। इन्हीं विवादों के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत गोरखपुर में हैं। 14 या 15 जून को उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात तय मानी जा रही है। ये मुलाकात भले ही औपचारिक बताई जा रही हो लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की इस मुलाकात पर नजरें हैं।

गोरक्षपीठ और संघ के रिश्ते काफी पुराने हैं। संघ जिस तरह का हिन्दुत्व चाहता है, गोरक्षपीठ उसी राह पर चलता दिखता है। संघ सामाजिक समरसता की बात करता है, और गोरक्षपीठ काफी पहले से इसे हकीकत की धरातल पर उतारता दिखा है। ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ दलितों के बीच वर्षों तक सहभोज का कार्यक्रम चला चुके हैं। गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी कमलनाथ दलित वर्ग से आते हैं। इसके भी कोई संदेह नहीं है कि 2017 में अचानक योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की सत्ता देने की सहमति बनी तो उसके पीछे भी कहीं न कहीं संघ ही था। अब जब पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से संघ के रिश्तों में खटास दिख रही है तो संघ प्रमुख मोहन भागवत की योगी आदित्यनाथ की मुलाकात के निहीतार्थ निकाले जा रहे हैं। सच यह है कि गोरखपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत का प्रवास अचानक नहीं तय हुआ है। लेकिन उनके आगमन की टाइमिंग ऐसी है जब देश में संघ प्रमुख के बयान से तूफान मचा हुआ है। अब लोगों के बीच यह सवाल तैर रहा है कि संघ जिस हिन्दुत्व को देश में देखना चाहता है, वह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही परवान चढ़ सकता है। सवाल यह भी कि क्या अब संघ योगी को आगे कर नई राजनीतिक जमीन तैयार करेगा। ऐसा इसलिए है कि संघ के अंदर हिन्दुत्व के गुजरात मॉडल और गोखपुर मॉडल पर चर्चा हो रही है। आने वाले दिनों में गोरखपुर के हिन्दुत्व मॉडल के साथ संघ बढ़ता दिख सकता है।

चर्चा के केन्द्र में टिकट बंटवारा भी

मुलाकात किन बिंदुओं पर होगी यह कह पाना संभव नहीं है। लेकिन यूपी में गठबंधन से मिली हार के बाद योगी आदित्यनाथ हर कदमों पर समीक्षा कर रहे हैं। योगी और शीर्ष नेतृत्व में टिकट बंटवारे को लेकर सबकुछ सामान्य नहीं है, यह साफ दिख रहा है। योगी टिकट बंटवारे से संतुष्ट नहीं है। वे करीब 35 सीटों पर पुराने चेहरों की जगह नये चेहरों को उतारने के पक्ष में थे। कहा जा रहा है कि योगी ने एक लिस्ट भी शीर्ष नेतृत्व को दी थी। जिनके जीतने को लेकर सवाल थे।

14 या 15 को मुख्यमंत्री कर सकते हैं मुलाकात

लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद संघ और भाजपा को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच मोहन भागवत का गोरखपुर प्रवास काफी अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि मोहन भागवत के प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके मिलने शिविर में जा सकते हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को गोरखपुर पहुंच रहे हैं। वह 14 या 15 जून को संघ प्रमुख से मुलाकात कर सकते हैं।

विभिन्न सत्रों में होगा संघ प्रमुख का संबोधन

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत बुधवार को गोरखपुर पहुंचे। वह गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर चिउटहा स्थित एसवीएम पब्लिक स्कूल में 3 जून से चल रहे संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पहुंचे हैं। वह 16 जून तक इस शिविर में ही प्रवास करेंगे। एयरपोर्ट पर संघ के प्रांत संघ चालक डॉ.महेन्द्र अग्रवाल, क्षेत्र कार्यवाह वीरेन्द्र, प्रांत प्रचारक रमेश, हरेकृष्ण, अंबेश, उपेन्द्र द्विवेदी आदि पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह 3.45 बजे गाड़ियों के काफिले से एसवीएम पब्लिक स्कूल पहुंचे। 3 जून से शुरू हुए कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम शिविर में मोहन भागवत 16 जून तक प्रवास करेंगे। वह परिसर में ही रहेंगे। इस दौरान वह विभिन्न सत्रों में स्वयं सेवकों को संबोधित करेंगे। इस दौरान उनका सार्वजनिक संबोधन नहीं होना है। 16 जून को वह गोरखपुर से रवाना हो जाएंगे। पथ संचलन का कार्यक्रम भी 14 जून को हो सकता है।

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