Gorakhpur News: गोरखपुर एम्स में मेडिकल छात्रा से यौन उत्पीड़न, इस अधिकारी पर लगा है आरोप

Gorakhpur News: करीब 10 दिन पहले छात्रा हॉस्टल के कमरे के संदर्भ में संपर्क करने आरोपी अफसर के कार्यालय में पहुंची थी। इस दौरान अफसर ने छात्रा के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। इसके बाद छात्रा वहां से वापस भाग कर हॉस्टल पहुंच गई।

Update: 2024-01-12 02:22 GMT

 Gorakhpur AIIMS (Newstrack)

Gorakhpur News: गोरखपुर एम्स का विवादों से नाता कम नहीं होता दिख रहा है। निदेशक प्रो.सुरेखा किशोर को हटाए जाने के बाद एक मेडिकल छात्रा में एओ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। पांच दिन पहले ई-मेल से मिली शिकायत के बाद जांच कमेटी बिठा दी गई है। बताया जा रहा है कि यौन उत्पीड़न के चलते छात्रा सदमे में है। उसे चार दिन भर्ती कराना पड़ा था। फिलहाल उसे सुरक्षा प्रदान की गई है। जांच कमेटी भी बिठा दी गई है।

एमबीबीएस की छात्रा ने संस्थान के प्रशासनिक अफसर पर गंभीर आरोप को लेकर निदेशक को ईमेल पर जानकारी दी है। उधर, पीड़ित छात्रा के परिजन भी एम्स पहुंच गए हैं। इस घटना के बाद छात्रा की तबीयत बिगड़ गई। उसके पहले मेडिसिन फिर मानसिक रोग विभाग में भर्ती किया गया था। एम्स प्रशासन ने छात्रा और उसके परिजनों को विशेष सुरक्षा भी दी है। परिजनों ने एम्स प्रशासन को छात्रा का दूसरे एम्स में ट्रांसफर को पत्र दिया है। कार्यकारी निदेशक डॉ जीके पाल ने शिकायती ईमेल मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बालरोग विभागाध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल की अगुआई वाली विशाखा कमेटी जांच कर रही हैं। दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।

यह है पूरा घटनाक्रम

करीब 10 दिन पहले छात्रा हॉस्टल के कमरे के संदर्भ में संपर्क करने आरोपी अफसर के कार्यालय में पहुंची थी। इस दौरान अफसर ने छात्रा के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। इसके बाद छात्रा वहां से वापस भाग कर हॉस्टल पहुंच गई। घटना के बाद से छात्रा सदमे में आ गई। वह तीन दिन तक कमरे में बंद रही। इस दौरान उसने अपने परिजनों को सूचित किया। जानकारी के मुताबिक, घटना के बाद छात्रा को मनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी ने कई बार उसके मोबाइल नंबर पर फोन किया। हॉस्टल में भी संपर्क किया था। सूचना मिलते ही अगले दिन छात्रा के परिजन भी एम्स पहुंच गए। इसके बाद छात्रा को हॉस्टल से बाहार निकाला गया। सदमे में आई छात्रा को पहले मेडिसिन फिर मनोरोग विभाग में इलाज के लिए परिजन ले गए। इलाज के दौरान छात्रा ने विभाग के एक चिकित्सक से घटना का जिक्र किया।  

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