Gorakhpur: "शासक गो वंश का नाश कर रहा हो तो..." स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
Gorakhpur News: शंकराचार्य ने कहा कि जड़ों से जुड़ने के बाद ही मजबूती आती है। गोवर्धन लीला में भगवान श्रीकृष्ण ने गो रक्षा करके संदेश दिया है कि यदि पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा हो जाए तो जीवंत हो जाता है ।
Gorakhpur News: ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गोरक्षनगरी में दो दिन प्रवास के बाद बुधवार को काशी की ओर प्रस्थान किया। सहारा इस्टेट में शिष्यों ने चरण पादूका पूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने नित्य पूजा के बाद 16 लोगों की गुरु दीक्षा दी। गुरु दीक्षा के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सनातन धर्म और गो रक्षा से ही कल्याण होना है। बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जानी चाहिए, लेकिन उन्हें सनातन संस्कृति से भी जोड़े रहना आवश्यक है।
शंकराचार्य ने कहा कि जड़ों से जुड़ने के बाद ही मजबूती आती है। गोवर्धन लीला में भगवान श्रीकृष्ण ने संदेश ने गो रक्षा करके संदेश दिया है कि यदि पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा हो जाए तो जीवंत हो जाता है, जबकि मनुष्य का हृदय पत्थर हो जाए तो उसका विरोध होना चाहिए। इंद्र की तरह कोई शासक प्रकृति और गो वंश का नाश कर रहा हो तो उसे स्वीकार नहीं करना चाहिए। जब हिंदू समाज जागृत होगा तो राजनीतिक दल भी गोवंश की रक्षा के लिए मजबूर हो जाएंगे। भारत के भविष्य के लिए गो वंश की रक्षा बहुत आवश्यक है। बच्चों को देसी गायों की दूध पिलाने की आवश्यकता है। डिब्बा बंद दूध से बच्चों को उतनी शक्ति मिलेगी, जितनी आवश्यकता है।
16 लोगों को दी गुरु दीक्षा
गोरक्षनगरी में शंकराचार्य ने बुधवार को छह लोगों को गुरु दीक्षा दी, जबकि एक दिन पहले उन्होंने 10 लोगों को गुरु दीक्षा दी थी। गुरु दीक्षा कार्यक्रम के बाद शंकराचार्य रामअवधनगर स्थित एक शिष्य के घर गए, उसके बाद काशी की ओर प्रस्थान किया। इस अवसर अधिवक्ता मनीष पांडेय, सहारा सोसाइटी के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, मयंक मिश्रा, दिव्येंदु नाथ एडवोकेट, मुकेश पांडेय, सोना तिवारी, अमित यादव, दिनेश राय, ज्ञान पांडेय, केएन पांडेय, राकेश कुमार सिंह, वात्सल्य पांडेय, आदित्य पांडेय,अभय शाही, कमलेश मौर्य एवं सुरेश उपाध्याय उपस्थित थे।