Gorakhpur News: बेसिक के शिक्षक सूची वायरल कर कह रहे, ‘सरकार’ अब नहीं चाहिए प्रमोशन...

Gorakhpur News: साल के शुरूआत में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया तेजी से शुरू हुई थी। लेकिन चुनाव से पहले इसे अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया था।

Update: 2024-07-27 04:27 GMT

बेसिक शिक्षा प्रमोशन प्रतीकात्मक तस्वीर (Pic: Social Media)

Gorakhpur News: डिजिटल हाजिरी का आदेश स्थगित होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के टीचर दूसरे मुहीम में लग गए हैं। इन दिनों सोशल मीडिया में एक पत्र शिक्षकों द्वारा वायरल किया जा रहा है। जिसमें एक सूची संलग्न है। जिसमें दिसम्बर 2023 से अभी तक प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के प्रमोशन को लेकर जारी पत्र का पत्रांक संख्या और तारीख है। जिसके साथ लिखा गया है कि दिसंबर 2023 से बेसिक शिक्षकों का अब तक 14 बार प्रमोशन हो चुका है अब सरकार को दूसरे विभाग के कर्मचारियों का भी प्रमोशन करना चाहिए।

वायरल संदेश में तंज किया गया है कि यदि बार-बार शिक्षा विभाग में ही प्रमोशन होता रहेगा तो दूसरे विभाग के कर्मचारी नाराज हो जाएंगे। ‘न्यूजट्रैक’ इस वायरल सूची की पुष्टि नहीं करता है। तेजी से वायरल हो रही सूची में कुछ शिक्षक अदम गोंडवी का शेर भी चस्पा कर रहे हैं। ...तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है। शिक्षकों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद शिक्षकों का प्रमोशन नहीं हुआ है। ट्रांसफर से लेकर समायोजन को लेकर भी सिर्फ आदेश होता है, लेकिन हकीकत की धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है।


बार-बार कारण बता रोक रहे प्रमोशन

साल के शुरूआत में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया तेजी से शुरू हुई थी। लेकिन चुनाव से पहले इसे अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया था। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल इस बाबत आदेश जारी किया था। बेसिक शिक्षा विभाग में पांच साल में प्रमोशन होता है। लेकिन सियासी लाभ हानि के लिए सरकारें खूब खेल करती हैं। सपा सरकार में तो सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से तीन साल में ही प्रमोशन का आदेश हुआ था। जिसमें कहा गया था कि जिन शिक्षकों का शिक्षण अनुभव तीन वर्ष हो चुका है और उस जिले में रिक्तियां उपलब्ध हैं तो ऐसे शिक्षकों को दो वर्ष की छूट प्रदान करते हुए पदोन्नति की कार्यवाही की जाए। दरअसल, अगस्त 2010 के बाद जिसकी नियुक्ति हुई है, उन्हें प्रमोशन नहीं दिया गया है।


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