Gorakhpur News: प्रदेश की पहला पिंक सीएफसी गोरखपुर में, ओडीओपी उत्पादों को मिलेगा बूस्टर डोज
Gorakhpur News: इन उत्पादों को बेहतर पैकिंग में बिक्री को लेकर शासन ने महराजगंज रोड पर खुटहन के पास जैनपुर गांव में सीएफसी सेंटर खोलने की मंजूरी दे दी है। सीएफसी के लिए सिद्धि विनायक वुमेन स्ट्रेंथ सोसाइटी ने आवेदन किया था।
Gorakhpur News: प्रदेश की पहला पिंक कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) गोरखपुर में खुलेगा। करीब 4 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर में जैनपुर में बनने वाला सेंटर पूरी तरह महिलाओं द्वारा ही संचालित होगा। शुरूआत में यहां ओडीओपी के तहत गोरखपुर के उत्पाद में चयनित टेराकोटा की पैकिंग होगी, बाद में प्रदेश अन्य सभी 74 जिलों के ओडीओपी उत्पादों के हिसाब से पैकिंग होगी।
‘एक जिला एक उत्पाद’ में चयनित उत्पादों को पैकेजिंग के माध्यम से वैश्विक स्तर तक पहुंचाने के लिए गोरखपुर के जैनपुर में प्रदेश का पहला कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट ओडीओपी के तहत टेराकोटा से लेकर काला नमक को वैश्विक पहचान मिली है। इसी तरह कुशीनगर में केले के रेशे से तैयार होने वाले उत्पाद की भी अच्छी मांग है। इन उत्पादों को बेहतर पैकिंग में बिक्री को लेकर शासन ने महराजगंज रोड पर खुटहन के पास जैनपुर गांव में सीएफसी सेंटर खोलने की मंजूरी दे दी है। सीएफसी के लिए सिद्धि विनायक वुमेन स्ट्रेंथ सोसाइटी ने आवेदन किया था। जिसकी सैद्धांतिक सहमति पिछले 11 नवम्बर को ही निदेशक उद्योग और आयुक्त उद्योग से मिल चुकी है। अब सीएफसी की डीपीआर तैयार हो रही है। माना जा रहा है कि डीपीआर महीने के अंत तक बन जाएगी। मार्च तक सीएफसी के एक्टिव होने की उम्मीद है।
मार्च तक सेंटर के शुरू होने की संभावना
टेराकोटा उत्पादों की पैकेजिंग के लिए मंजूर हुई प्रदेश की पहली सीएफसी पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित होगी। सिद्धि विनायक वुमेन स्ट्रेंथ सोसाइटी की अध्यक्ष संगीता पांडेय और उनकी टीम द्वारा सेंटर को संचालित किया जाएगा। 4 करोड़ रुपये की परियोजना में 90 फीसदी अंशदान प्रदेश सरकार करेगी। 10 फीसदी अंशदान सोसाइटी को करना है। सिद्धि विनायक वुमेन स्ट्रेंथ सोसाइटी की संगीता पांडेय का कहना है कि प्रदेश की यह पहली ओडीओपी की सीएफसी होगी जो पूरी तरह महिलाओं द्वारा ही संचालित होगी। महिलाओं को प्रशिक्षित कर आत्म निर्भर बनाने की योजना है। पहले चरण में 100 से अधिक महिलाओं को संस्था से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। जिला स्तरीय समिति और डायरेंक्टर इंडस्ट्री की मंजूरी के बाद सेंटर की डीपीआर बन रही है।