Gorakhpur: डिजिटल हाजिरी के विरोध के बीच नहीं मिल रहे राज्य अध्यापक पुरस्कार के आवेदन, 48 जिलों से आवेदन शून्य

Gorakhpur News: बेसिक शिक्षा परिषद ने 15 जून से 10 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किए थे, पुरस्कार के लिए गोरखपुर सहित 48 जनपदों में किसी भी सरकारी शिक्षक ने आवेदन नहीं किया।

Update:2024-07-12 07:34 IST

शिक्षक नहीं कर रहे राज्य अध्यापक पुरस्कार के आवेदन (फोटो: सोशल मीडिया )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों द्वारा डिजिटल हाजिरी का विरोध किया जा रहा है। जिसमें स्कूलों से लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में शिक्षक पहुंचकर डिजिटल हाजिरी की दुश्वारियों को बता कर विरोध जता रहे हैं। इस बीच शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ की ओर से 10 जून को राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए मांगे गए आवेदन को लेकर शिक्षक रूचि नहीं दिखा रहे हैं। गोरखपुर समेत 48 जिलों से अभी तक एक भी शिक्षक ने पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं किया है। इस पुरस्कार को लेकर आवेदन की तारीख एक बार फिर 15 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

बेसिक शिक्षा परिषद ने 15 जून से 10 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किए थे, हैरानी की बात है कि इस पुरस्कार के लिए गोरखपुर सहित 48 जनपदों में किसी भी सरकारी शिक्षक ने आवेदन नहीं किया। राज्य अध्यापक पुरस्कार से गोरखपुर के सरकारी स्कूलों के शिक्षक वंचित हो सकते हैं। शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ की ओर से जारी 10 जून के आदेश पत्र में पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। 10 जुलाई तक गोरखपुर से सरकारी अध्यापकों की श्रेणी में कोई भी आवेदन परिषद को नहीं मिला है। एक बार फिर परिषद ने 15 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन करने के लिए अंतिम मौका दिया है। राज्य अध्यापक पुरस्कार ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। लेकिन निर्धारित तिथि के अंदर 27 जनपदों से 39 शिक्षकों के ही आवेदन आए। 48 जनपदों में एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। इसे लेकर शिक्षा निदेशक बेसिक प्रताप सिंह बघेल ने संबंधित जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र के माध्यम से राज्य अध्यापक पुरस्कार वर्ष-2023 का व्यापक प्रचार करने व जनपद से योग्य अध्यापकों की कम से कम दो-दो आवेदन पत्र 15 जुलाई तक विभाग को प्रेषित करने का निर्देश दिया है।

पुरस्कार को लेकर शिक्षकों का विरोध या मामला कुछ और

राज्य पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं होने को लेकर शिक्षक संगठन कुछ बोलने से बच रहे हैं। कुछ संगठन दबी जुबान में कहा रहे हैं कि शिक्षक बाबूगिरी करें या फिर पढ़ाई। स्कूलों में पढ़ाई का माहौल जिम्मेदार बनने ही नहीं दे रहे हैं। पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं होना बताता है कि शिक्षकों की मनोदशा रोज नित नये आदेशों से अच्छी नहीं है।

पिछले साल गोरखपुर से 14 शिक्षकों ने किया था पुरस्कार के लिए आवेदन

पिछले वर्ष इस पुरस्कार के लिए जिले में 14 शिक्षकों ने आवेदन किया था। जिसमें मनोज मिश्र को राज्य अध्यापक पुरस्कार-2022 से पुरस्कृत किया गया। वहीं 2021 में शिक्षक प्रवीण मिश्र और 2019 में शिक्षिका श्वेता सिंह ने यह पुरस्कार प्राप्त किया था।

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