Gorakhpur: Corona के नये वेरिएंट JN.1 से लड़ने के लिए पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता, AIIMS के सर्वे रिपोर्ट से मिली राहत
Gorakhpur: कोरोना के नये वेरिएंट जेएन.1 से लड़ने के लिए लोगों के शरीर में पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता है। गोरखपुर एम्स की निदेशक की अगुवाई में सर्वे के नतीजे बेहद सकून पहुंचाने वाले हैं।
Gorakhpur News: कोरोना के नये वेरिएंट जेएन.1 से लड़ने के लिए यूपी समेत पांच राज्यों के लोगों के शरीर में पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता है। गोरखपुर एम्स की निदेशक डॉ.सुरेखा किशोर की अगुवाई में यूपी दिल्ली समेत पांच राज्यों के 10,000 लोगों पर हुए सीरो सर्वे के नतीजे बेहद सकून पहुंचाने वाले हैं। सर्वे से साफ हुआ है कि 93 फीसदी लोगों में कोरोना के वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता है। ऐसे में नई लहर आती है तो वह अधिक खतरनाक नहीं होगी।
यूपी और दिल्ली समेत पांच राज्यों में हुए सीरो सर्वे को लेकर यह रिसर्च अंतर्राष्ट्रीय जर्नल पबमेड के दिसंबर-23 अंक में प्रकाशित हुई है। दिल्ली एम्स की निगरानी में हुए इस सर्वे का कोऑर्डिनेशन एम्स गोरखपुर ने किया। इस सैम्पलिंग के लिए लोगों का चयन कोरोना की पहली लहर के बाद ही कर लिया गया था। गोरखपुर एम्स की निदेशक डॉ. सुरेखा ने बताया कि यह रिसर्च दिल्ली, गोरखपुर (यूपी), भुवनेश्वर (ओडिशा), पुडुचेरी व अगरतला (त्रिपुरा) में हुई है। सभी जगह पर दो-दो हजार लोगों का चयन कोविड के पहले दौर के बाद किया गया। हर लहर के बाद उनकी जांच की गई। इस रिसर्च में डॉ. प्रदीप खरया और डॉ.रमाशंकर रथ भी शामिल रहे।
सर्वे के ये हैं नतीजे
एम्स गोरखपुर की निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर ने बताया कि सर्वे के परिणाम बताते हैं कि कोरोना के विभिन्न लहर से गुजरते हुए समय के साथ लोगों में एंटीबाडी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। मैदानी से लेकर पर्वतीय क्षेत्र के अलग-अलग उम्र के लोगों में एंटीबाडी समान मिली है। एंटीबाडी का स्तर टीकाकरण कराने वालों में सर्वाधिक रहा।
ऐसे हुआ सर्वे
वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर मार्च से नवंबर तक थी। उसके बाद आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ ने समुदाय में कोरोना एंटीबॉडी की जांच करने की पहल की थी। पहली लहर के बाद 2000 लोगों का चयन किया गया। पहली लहर में 73.9 लोगों में एंटीबॉडी मिली थी। मार्च 2021 से लेकर जून 2021 तक कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट का प्रकोप रहा। सबसे खतरनाक लहर के खत्म होने के बाद एक बार फिर उन्हीं लोगों में कोविड एंटीबॉडी की जांच में 90.5 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली। वर्ष 2021 के अंत तक कोरोना की तीसरी लहर सबसे कम खतरनाक थी। ओमिक्रान वेरिएंट वाली लहर के बीचएंटीबॉडी का स्तर लोगों में बढ़ गया। तीसरी लहर के बाद 92.9 फीसदी में कोविड कि एंटीबॉडी मिली है।