पुलिस ने संयुक्त प्रयास से ऐसे रोका बाल विवाह, अब पिता ने कही ये बात
लड़की के पिता ने आधार कार्ड दिखाया जिसमें लड़की की जन्मतिथि 1 जनवरी 2005 अकिंत थी। जिसके हिसाब से किशोरी की उम्र 15 वर्ष ही हो रही है।
हमीरपुर: चाइल्डहेल्पलाइन 1098 में सूचना प्राप्त हुई कि विकासखण्ड सुमेरपुर, कोतवाली हमीरपुर के अन्तर्गत एक गांव में बाल विवाह कराया जा रहा है। जिसमें चाइल्डलाइन की टीम ने कॉलर के बताये पते विजिट कर शादी से संबंधित सभी जानकारियां इकत्र की। तो पता चला कि नाबालिग किशोरी उम्र 15 वर्ष है जो कि कक्षा 9 की छात्रा है। जिसकी शादी राजस्थान के जयपुर में की जा रही है।
पिता ने कहा नहीं पता था कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल होती है
जो उम्र खेलने कूदने की और पढ लिखकर भविष्य बनाने की है। उस उम्र में नाबालिग किशोरियों को वधु बनाने के लिए खुद माता-पिता बेटियों के बालिग होने के पहले ही उनकी शादी का फैसला लेकर उन्हे ग्रहस्थी के बोझ तले दबाने में जुटे हैं। जिन मामलों की सूचना चाइल्डलाइन 1098 व प्रोबेशन विभाग को मिल जाती है। उनकी रोकथाम हो जाती है। जबकि गुपचुप तरीके से भी लोग इस अपराध के अंजाम देने में नही चूकते हैं। चाइल्डलाइन केन्द्र समन्वयक प्रदीप सिंह ने बताया कि चाइल्डलाइन को जानकारी मिली कि 27 जून को बाल विवाह कराया जा रहा है।
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जिसकी सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी को दी गयी। जिला प्रोबेशन अधिकारी नीरज कुमार के आदेश पर जिला बाल संरक्षण ईकाई, महिला शक्ति केन्द्र, पुलिस विभाग व चाइल्डलाइन टीम ने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवाई और लिखित बयान लिया। जिसमें बालिका के पिता को कहना है कि हमें नही पता था कि लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष होती है। आप लोगो ने बताया है तो मैं अपनी लड़की की शादी 18 वर्ष पूरी होने के बाद ही करूंगा। अगर मैं ऐसा करता हूं तो उसका जिम्मेदार मैं स्वयं होउंगा।
आधार कार्ड के अनुसार लड़की की उम्र 15 वर्ष
बाल संरक्षण अधिकारी गोपाल मिश्र व दीप्ति अग्निहोत्री ने जब किशोरी के पिता से बाल विवाह करने की बात कही तो किशोरी के पिता का कहना है कि मेरी लडकी की उम्र शादी कि हो चुकी है। इसलिए मैं शादी कर रहा हूं। जब बाल संरक्षण अधिकारी ने दस्ताबेज दिखाने के लिए कहा तो बालिका के पिता ने लड़की का आधार कार्ड दिखाया जिसमें लड़की की जन्मतिथि 1 जनवरी 2005 अकिंत थी। जिसके हिसाब से किशोरी की उम्र 15 वर्ष ही हो रही है। इसी को आधार मानकर आपकी लड़की की शादी नहीं होने दी जाएगी। क्योंकि यह कानूनन अपराध है। जिसमें बाराती, हलवाई व टेंट बालो तक को जेल जाना पड़ेगा।
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महिला कल्याण अधिकारी श्रीमती पुष्पा ने किशोरी से विवाह की उम्र के बारे में पूंछा गया तो लड़की ने बताया कि लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की शादी उम्र 21 वर्ष होनी चहिये। इससे कम उम्र बाल विवाह करना कानूनन अपराध है। इस मौके पर बाल संरक्षण इकाई से राममोहन, दिलीप व परामर्शदाता रंजना व महिला शक्ति केन्द से सन्तोषी, चाइल्डलाइन से प्रियंका व प्रदीप तथा पुलिस विभाग से उपनिरीक्षक गौरव चौबे की टीम ने नाबालिग किशोरी का जीवन गर्त में जाने से रोकने में सराहनीय सहयोग प्रदान किया।
रिपोर्ट- रविंद्र सिंह