Hapur News: फरवरी में इन्वेस्टर्स समिट को एक साल हो जाएगा पूरा, फिर भी निवेश का सपना अधूरा

Hapur News: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 प्रस्तावों को धरातल पर उतारना अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है। अधिकतर प्रस्ताव कागज में सिमट कर रह गए है।

Report :  Avnish Pal
Update:2023-12-11 17:46 IST

हापुड़ में इन्वेस्टर्स समिट के एक साल बाद भी नहीं हुआ निवेश (न्यूजट्रैक)

Hapur News: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 प्रस्तावों को धरातल पर उतारना अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है। अधिकतर प्रस्ताव कागज में सिमट कर रह गए और विकास की योजनाएं करीब एक साल बाद भी परवान चढ़ती नजर नहीं आ रही है। इस सबंध में अधिकारियों की हुई बैठके भी बेनतीजा साबित हुई है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

जनपद को मिले थे 34 करोड़ के ग्लोबल इन्वेस्टर्स प्रस्ताव

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मे देश के साथ विदेशी निवेशकों ने भी यहां निवेश करने की इच्छा जताते हुए 34 करोड़ के प्रस्ताव दिए थे। फिलहाक प्रस्थाव कागजो मे है ओर उन्हें धरातल पर लाने के लिए प्रयास जारी होनें की बात कही जा रही है। समस्या यह है कि इन उद्योगों को धरातल पर लाने के लिए सबसे जरूरी जमीन की उपलब्धता ही पूरी नहीं हो पा रही है। अधिकारियों की बैठकों में यह मुद्दा हावी रहा है ओर इसका समाधान कराने के लिए भी अधिकारियों ने पुरजोर प्रयास किए। लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इसके अलावा उद्यमियों की लेंड एक्सचेंज में दिक्क़त भी लगातार बनी हुई है। जबकि प्रशासन ने इस प्रकार की दिक्क़तों में किसी प्रकार रुकावट न आने का आश्वासन दिया था। इस सबंध मे लगातार हुई बैठकों के बाद भी समाधान नहीं निकल पा रहा है।

समिट के दौरान जनपद को मिले यह बड़े प्रोजेक्ट

रोलेक्ट होम एपलाइसेंस -5000 करोड़

अडानी लोजेक्विटक्स लिमिटेड 3500 करोड़

परमार्थ एजुकेशन ट्रस्ट - 3000 करोड़

वृंदावन टैक्स फैब-2400 करोड़

आईआईए इंडस्ट्रीयल पार्क -1000 करोड़

पॉल्यूशन स्टॉप एंड लाइन प्रोडक्ट मेन्यूफेक्चरिंग-600 करोड़

यूरेका बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड-510 करोड़

लाइड मेन्यूफेक्चरिंग नोशद अली -500 करोड़

ऑटोमेटिक मल्टीलेवल कार पार्किंग सिस्टम-500 करोड़

मंडलीय अध्यक्ष ने बाधाएं दूर करने की कही बात

लख़नऊ मे आयोजित समिट में जनपद के लिए करीब 350 उधमियों ने भाग लिया था। सभी जनपदों मे निवेश को लेकर उत्साहित थे। लेकिन दस महीने बीतने के बाद अधिकारियों की उदासीनता के कारण उनका उत्साह ठंडा होता गया। उच्चधिकारी बैठक कर अधिकारियों को निर्देश करते रहे और विभागीय अधिकरी इन आदेशों को दरकिनार करते गए। जो समस्या दस माह पहले थी, वही समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुयी है। आईआईए मंडलीय अध्यक्ष धीरज चुग का कहना है कि जनपद मे उद्योगो कि स्थापना के लिए प्रशासन को चाहिए कि योजनाओं को कागज से जमीन पर उतारने के लिए सामने आ रही बाधाओं को समय रहते दूर करें।

समिट में मिले प्रोजेक्ट में ये आ रही है समस्याएं

प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए नहीं मिल पा रही भूमि

लेंड यूज चेंज ओर विभिन्न विभागो की एनओसी की दिक्क़त

औद्योगिक क्षेत्र में भी नहीं मुहैया हो रही सुविधाएं

तमाम सख्ती के बावजूद अधिकारियो की उदासीनता ओर तालमेल में कमी।

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