Hapur News: कल नहीं, अभी से करें तंबाकू को ना..! विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर लोगों को किया जागरूक

Hapur News: एसीएमओ डा. संजीव कुमार द्वारा सफाई नायकों और अन्य कर्मचारियों को तंबाकू के शरीर पर दुष्प्रभाव के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया। साथ ही तंबाकू निषेध के विषय में शपथ दिलाई गई और एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया।;

Update:2023-05-31 23:34 IST
Program organized in Hapur Municipality on World No Tobacco Day

Hapur News: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम नगर पालिका परिषद हापुड़ में आयोजित किया गया। जिसमें एसीएमओ डा. संजीव कुमार द्वारा सफाई नायकों और अन्य कर्मचारियों को तंबाकू के शरीर पर दुष्प्रभाव के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया। साथ ही तंबाकू निषेध के विषय में शपथ दिलाई गई और एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया।

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गंभीर बीमारियों से लेकर मौत तक की वजह बन रहा अंधाधुंध सेवन

कार्यक्रम में बताया गया कि तंबाकू सेवन का व्यापक दुष्प्रभाव है, इसको लेकर संस्थाएं लोगों को जागरूक भी कर रही हैं। लेकिन तंबाकू सेवन से कई लोग असमय अपंगता का शिकार हो रहे हैं, लोगों की मौत तक हो जाती है। लोग तंबाकू का सेवन ना करें या बंद कर दें, इसकी जागरूकता के लिए 31 मई को प्रत्येक वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।

पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है तंबाकू

इस दौरान बताया गया कि तंबाकू हमारे पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है। तंबाकू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कक्षा 06 से 12 के बच्चों को स्वास्थ्य विभाग ने आमंत्रित किया है कि वो तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभाव और पर्यावरण पर पड़ने वाले खतरे को लेकर स्लोगन और पोस्टर बनाएं। अच्छे पोस्टर बनाने वाले बच्चों को विभाग की ओर से सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में बताया गया कि युवाओं ही नहीं बल्कि स्कूली बच्चों में कुछ ज्यादा तंबाकू सेवन की लत लग रही है।

सीएमओ ने दी ये जानकारी

कार्यक्रम में सीएमओ सुनील त्यागी ने बताया कि केवल तंबाकू के सेवन मात्र से न जाने कितने प्रकार की गंभीर बीमारियां उत्पन्न होती हैं, इसका आकलन हर किसी के बस की बात नहीं है। तंबाकू सेवन करने से कैंसर जैसी भयंकर बीमारी हो जाती है। फेफड़ों की बीमारियां जैसेः क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान को ही माना गया है। क्रोनिक यानी लंबे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली में कैंसर होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। पूरे विश्व में कैंसर से होने वाली मृत्यु में फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या अधिक है। इसका मुख्य कारण अत्यधिक धूम्रपान करना ही होता है। बीड़ी, सिगरेट, खैनी, पान मसाला, पुड़िया, जर्दा, पीला पत्ती आदि के सेवन से मुंह के कैंसर (ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है।

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