इस जिले में दाखिल होने से पहले सौ बार सोचेंगी टिड्डियां, डीएम ने उठाया ऐसा कदम

टिड्डी दल के यूपी में पहुंचने की खबर मिलने के बाद से किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदारी बढ़ गयी है। किसानों ने इस हाहाकार मचाने वाली टिड्डी दल से निपटने के लिए कमर कस ली है और खेतों में प्रशासन के द्वारा दिये गए निर्देशों के साथ चौकसी बढ़ा दी है।

Update:2020-05-31 17:40 IST

हरदोई: टिड्डी दल के यूपी में पहुंचने की खबर मिलने के बाद से किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदारी बढ़ गयी है। किसानों ने इस हाहाकार मचाने वाली टिड्डी दल से निपटने के लिए कमर कस ली है और खेतों में प्रशासन के द्वारा दिये गए निर्देशों के साथ चौकसी बढ़ा दी है। जिले में किसान अब खेतों में थाली व पीपे बजाकर कीट पतंगे भगा रहे है।

डीएम पुलकित खरे ने कुछ समय पहले एलर्ट जारी करते हुए किसानों से कहा है कि जनपद में भी टिड्डी दल आने की संभावना बढ़ गयी है।डीएम ने किसानों से कहा है कि टिड्डी दल की राजस्थान के रास्ते होते हुए झांसी, ललितपुर, जालौन, मथुरा आदि जनपदों में पहुंचने की खबर है और इस दल के आगामी दिनों में जनपद में भी आने का खतरा बढ़ गया है।

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2 से 3 इंच होती है टिड्डियों की लम्बाई

डीएम ने किसानों को सचेत करते हुए बताया कि यह कीट लगभग 2 से 3 इंच लम्बे होते है एवं झुंड बनाकर चलते है तथा 200 से 500 मीटर लंबाई और लगभग इतनी ही चौड़ाई के साथ पट्टीनुमा आकार बना हुआ इनके उड़ते समय देखा जा सकता है।

यह दल दिन में उड़ान भरते है और सायं 7 बजे के बाद पूरे दल के साथ किसी हरे भरे खेत में विश्राम करते हैं और यह जिस खेत अथवा फसल पर रात विश्राम करते है उस फसल की सभी हरी पत्तियों को खा जाते हैं जिससे फसल पूरी तरह नष्ट हो जाती है और इनका प्रकोप पिछले दिनों कई जनपदों में देखा गया है ऐेसे में आगामी दिनों में अपने जनपद में भी इनके आक्रमण की संभावना दिखाई पड़ रही है।

जिलाधिकारी ने किसानो को सलाह देते हुए कहा है कि टिड्डी दल के आक्रमण के समय अपने खेतों में आग जलाकर, पटाखे फोड़कर, ढोल नगांड़े अथवा थाली आदि बजाकर आवाज करें, क्योकि जोर के आवाज से टिड्डी दल उनके खेतों में बैठ नहीं पायेगें और इसके अतिरिक्त यदि संभव हो तो अपने खेत की सिंचाई भी कर दें तथा इन उपायों के अलावा कीटनाशक रसायन जैसे क्लोरोपारीफास एवं लिंडा इत्यादि का टिड्डी दल पर प्रेशर के साथ छिड़काव करें।

उन्होने किसानों को यह भी बताया कि टिड्डी दल रात 7 बजे से प्रातः 7 बजे सुबह तक खेत अथवा जमीन पर बैठे रहते है और इसी समय इनके ऊपर कीटनाशक दवाइंयों का छिड़काव कर इनको मारा जा सकता है एवं जिन क्षेत्रों में टिड्डी दल का प्रकोप नजर आये उन क्षेत्रों में इन उपायों को अपनाये और साथ ही कृषि विभाग द्वारा बनाये जनपद स्तरीय कन्ट्रोल रूम नम्बर 05852-232056 पर सूचित करें।

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इन नम्बरों पर दें सूचना

श्री खरे ने कहा कि इसके अलावा जिला कृषि रक्षा अधिकारी के मोबाइल नम्बर 8279836504 पर सूचना दें और इसके अतिरिक्त टिड्डी दल प्रकोप को समाप्त करने के लिए क्षेेत्रीय केंन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ के दूरभाष नम्बर 0522-2732063 पर भी सूचित करें ताकि प्रशिक्षित व्यक्तियों एवं समुचित यंत्रों के माध्यम से प्रभावी नियंत्रण कराया जा सकें।

बता दें कि जिले में इस समय खेतों में मक्का,उड़द, तरबूज,ककड़ी,भिंडी,कद्दू,मुंगफली के साथ ही खेतों में लगाने के लिए धान की फसल की पौध भी तैयार खड़ी है।ऐसे में किसानों के माथे पर टिड्डी दल के आने की संभावना को लेकर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है।

किसानों ने इसको लेकर प्रशासन के दिये गए निर्देशों पर अमल करना शुरू कर दिया है और किसानों ने अपने खेतों में थाली पीपे बजाकर इस आसमानी आफत से बचने की तैयारी शुरू कर दी है। किसानों ने बताया कि हम सब इससे निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है और इसे अपने यहां फटकने नही देंगे।

रिपोर्ट: मनोज शर्मा

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