हरदोई का आर्गेनिक आम न्यूज़ीलैंड में लोगों को देगा स्वाद, बाग़वानी देखने पहुंची विदेश की टीम

Hardoi News: न्यूजीलैंड से हरदोई पहुंची एक टीम ने आर्गेनिक बागवानी को देखा और न्यूजीलैंड आम को इंपोर्ट करने की मंशा जाहिर की। उद्यान विभाग के साथ न्यूजीलैंड से आई सुआनो की टीम ने अहिरोरी के बरखेरा में पहुंचकर गौ-आधारित आम की बागवानी को देखा व समझा। न्यूजीलैंड से आई टीम ने यहां ऑर्गेनिक बागवानी में दशहरी, चौसा, लंगड़ा आदि प्रजाति के आमों को देखा और एक्सपोर्ट की तैयारियों को भी समझा।

Update: 2023-04-26 14:28 GMT
आर्गेनिक बागवानी समझते न्यूजीलैंड की टीम (फोटो: सोशल मीडिया))

Hardoi News: प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत के साथ किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हरदोई के एक बागवान ने ऑर्गेनिक आम की बागवानी को शुरू किया था। आज ऑर्गेनिक आम की बागवानी का डंका विदेशों तक में बज रहा है। न्यूजीलैंड से हरदोई पहुंची एक टीम ने आर्गेनिक बागवानी को देखा और न्यूजीलैंड आम को इंपोर्ट करने की मंशा जाहिर की।

उद्यान विभाग के साथ न्यूजीलैंड से आई सुआनो की टीम ने अहिरोरी के बरखेरा में पहुंचकर गौ-आधारित आम की बागवानी को देखा व समझा। न्यूजीलैंड से आई टीम ने यहां ऑर्गेनिक बागवानी में दशहरी, चौसा, लंगड़ा आदि प्रजाति के आमों को देखा और एक्सपोर्ट की तैयारियों को भी समझा। ऑर्गेनिक बागवानी के सीईओ यतेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने न्यूजीलैंड के सुआनो और उनकी टीम ने ऑर्गेनिक रूप से तैयार की गई ककड़ी, खीरा के साथ कच्चे आम का स्वाद भी नमक के साथ लिया।

आर्गेनिक खेती से उत्पादित फल हैं ज्यादा सेहतमंद
उदय ऑर्गेनिक प्रोड्यूसर कंपनी के सीईओ यतेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने बताया कि वह खेती ही नहीं बागवानी भी ऑर्गेनिक आधारित करते हैं। जितेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने कहा कि गत वर्ष आम का निर्यात विदेश में किया गया था। इस बार भी ऑर्गेनिक आम को निर्यात करने की योजना बनाई गई है। इसी के चलते न्यूजीलैंड से आई टीम और यहां के उद्यान विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी हासिल की है।

जितेंद्र के मुताबिक ऑर्गेनिक आम की डिमांड काफी बढ़ रही है। खासकर दक्षिण एशियाई देशों में धीरे-धीरे इसे लोग पसंद करने लगे हैं। उनके मुताबिक अन्य उत्पादकों को भी ऑर्गेनिक आम और अन्य फलों के इसी तरह उत्पादन पर जोर देना चाहिए। इस तरह उगाई गए फल सेहतमंद होने के साथ-साथ सस्ते भी पड़ते हैं। उनके मुताबिक भारतीय बाजार में इनकी डिमांड में लगातार तेजी देखने को मिल रही है।

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