Hardoi News: 319 आश्रय स्थल फिर भी खेतों में छुट्टा मवेशियों का आतंक, किसान को हो रहा प्रतिवर्ष हजारों रुपए का नुकसान

Hardoi News: छुट्टा मवेशी गांव से लेकर खेतों तक आतंक मचाए हुए हैं। इन मवेशियों के चलते किसानों को प्रतिवर्ष हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है।

Update:2023-08-11 10:41 IST
Hardoi news (photo: social media )

Hardoi News: हरदोई में 319 को आश्रय स्थल होने के बाद भी छुट्टा गोवंशों की समस्या बनी हुई है। करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी सड़कों पर छुट्टा मवेशियों के घूमने से किसानों को अपने खेतों को कड़ी मशक्कत करके गौवंशों से बचाना पड़ रहा है। छुट्टा मवेशी गांव से लेकर खेतों तक आतंक मचाए हुए हैं। इन मवेशियों के चलते किसानों को प्रतिवर्ष हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है।

भाजपा सरकार बनने के बाद अचानक सड़कों पर अन्ना मवेशियों की चहल कदमी लगातार बढ़ती जा रही है। आवारा अन्ना मवेशी चुनावों में भी अब एक मुद्दा बनने लगे हैं। विधानसभा में भी विपक्ष के लोग छुट्टा मवेशियों को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं।किसान दिन रात छुट्टा जानवरों की देखरेख के लिए खेतों पर पहरा देते रहते हैं। किसानों को बारिश से लेकर सर्दी और भीषण गर्मी तक में खेतों में रहकर फसल के रखवाली करनी पड़ रही है।

किस काम के आश्रय स्थल, जब दम तोड़ रही व्यवस्थाएँ

हरदोई जनपद में करीब 319 गोवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं जिसमें करीब 48173 गोवंश निराश्रित है। प्रशासन द्वारा 319 गोवंशों के लिए बनाए गए आश्रय स्थलों में 313 ग्रामीण क्षेत्र में जबकि 6 शहरी क्षेत्र में बने हैं।इन आश्रय स्थलों के लिए करोड़ों रुपए का वारा न्यारा किया जा चुका है।गांव में बने आश्रय स्थलों में रह रहे मवेशियों के लिए सरकार के दावे है कि उनके लिए पर्याप्त मात्रा में चारा पानी की व्यवस्था की जाती रहती है साथ ही मवेशियों का समय-समय पर पशु चिकित्सा विभाग द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है।लेकिन पशु आश्रय स्थलों की सच्चाई भी समय-समय पर सामने आती रहती है।जहां जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते रुपयों का तो बंदर बाट हो ही रहा है और साथ ही आश्रय स्थल में बंद मवेशी अव्यवस्था के चलते दम तोड़ रहे हैं ।अब तक हजारों की संख्या में अन्ना मवेशियों ने अपना दम तोड़ दिया है।अन्ना मवेशियों की संख्या हरदोई जनपद के हर एक गांव में बनी हुई है।किसान पूर्व की भांति मचान बनाकर दिन-रात अपने-अपने खेतों की रखवाली करते हैं कहीं-कहीं पर महिलाएं भी खेत की रखवाली करते नजर आ जायेंगी।

क्या बोली ग्रामीण

विकासखंड बावन के ग्राम सघई बेहटा के मजरा रामनगरा और बनेथा में जब न्यूस्ट्रेक की टीम पहुंची तो वहां की ग्रामीण पुरुष व महिलाओं ने छुट्टा मवेशियों कि समस्या को बताया।ग्रामीणों ने बताया कि उनके खेत में उगने वाली फसलों को मवेशी काफी नुकसान पहुंचाते हैं।यह मवेशी रात में फसलों में खुल जाते हैं और अंधेरे के चलते दिखते नहीं है और रात होने के चलते यह काफी नुकसान फसलों को पहुंचा देते हैं।गांव में अब कई लोगों ने खेत के बीचो-बीच ऊंची मचान बनाकर उनकी देखभाल करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि पूरा दिन खेतों की देखभाल करने में और मवेशियों से बचाने में चला जाता है।रात को भी मवेशियों से बचाने के लिए नींद भी पूरी नहीं हो पाती है जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पढ़ रहा है। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि छुट्टा मवेशी खेतों के साथ-साथ अब गांव में भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।यह मवेशी लोगों के घरों में घुस जाते हैं। घर के बाहर रखे सामान पर कूद जाते हैं जिससे कि उन्हें आर्थिक स्तर पर भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि सरकार के दावे सारे कागजों पर ही हैं धरातल पर मवेशियों का आतंक बरकरार हैं ग्रामीण ने सरकार से मांग की है कि जल्द ही छुट्टा मवेशियों से राहत दिलाई जाए।

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