Hardoi News: शासन के आदेश बेअसर, गौशालाओं में नहीं सड़कों पर है छुट्टा मवेशियों का कब्जा

Hardoi News: जनपद के प्रत्येक कस्बों में गौशाला का निर्माण कराया गया है जिसके लिए लाखों रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी। हालांकि गौशालाओं में रखरखाव को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहते हैं।

Update:2023-07-26 22:18 IST
(Pic: Newstrack)

Hardoi News: जनपद में आवारा मवेशी लगातार क़स्बो से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के लोगों को परेशान कर रखा है। विधानसभा चुनाव से लेकर नगर निकाय चुनाव तक में अन्ना मवेशी एक मुद्दा रहे हैं। अन्ना मवेशियों को सड़क से हटाने के लिए प्रदेश स्तर पर व्यापक प्रबंध किए गए हैं लेकिन जमीनी स्तर पर बात की जाए तो यह प्रबंध नाकारा साबित हो रहे हैं। जनपद में गौशाला के लिए करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत किया जाता है लेकिन गौशाला निर्माण से लेकर रखरखाव तक जमकर खेल होता है जिसका परिणाम यह है कि गौशालाओं में या तो अन्ना मवेशी दम तोड़ देते हैं या फिर वहां से वापस निकल कर खेतों व सड़कों पर चहलकदमी करते है। सड़कों पर अन्ना मवेशियों के घूमने से आए दिन सड़क हादसे भी हो रहे हैं जिसके चलते जनपद में कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं।

गौशालाओं में नहीं सड़कों पर ज़्यादा नज़र आते अन्ना मवेशी

जनपद के प्रत्येक कस्बों में गौशाला का निर्माण कराया गया है जिसके लिए लाखों रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी। हालांकि गौशालाओं में रखरखाव को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहते हैं। अक्सर समाचार पत्रों की सुर्खियों में गौशालाओं में अनियमितता सामने आती रहती है जहां ना मवेशी को खाने के लिए चारा है और ना नहीं कोई प्रबन्ध। अन्ना मवेशी गौशाला की बदहाली में दम तोड़ दे रहे हैं। शासन स्तर से अन्ना मवेशियों को गौशाला पहुंचाने के आदेश भी जनपद में बेअसर साबित हो रहे हैं। जनपद के प्रत्येक मार्ग यहां तक कि राजमार्ग तक पर शाम होते-होते अन्ना मवेशियों का कब्जा हो जाता है।

पिहानी मार्ग पर अन्ना मवेशियों का कब्जा इस कदर है कि मानो ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे गौशाला सड़क पर बनी हो। मार्ग पर अन्ना मवेशियों के बैठे रहने और खड़े रहने से यातायात पर काफी असर पड़ता है। आए दिन इस मार्ग पर कोई ना कोई अन्ना मवेशियों से टकराने के बाद चोटिल भी हो जाता है। मवेशियों के आतंक से ग्रामीण भी काफी परेशान है। मार्ग पर जिस कदर अन्ना मवेशियों का कब्जा है उससे जिलें में बने गौशालाओं पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

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