Hardoi: अटकलों पर लगा विराम, BSP ने हरदोई-मिश्रिख लोकसभा सीट से उतारे प्रत्याशी

Hardoi: भाजपा और सपा ने अपने प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया जबकि बहुजन समाज पार्टी ने अब तक अपने प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतरा था।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-04-19 12:14 IST

बसपा ने हरदोई-मिश्रिख लोकसभा सीट से उतारे प्रत्याशी (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: लोकसभा के चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। हरदोई जनपद की दोनों लोकसभा सीट पर चौथे चरण में मतदान होना है। हरदोई और मिश्रिख लोकसभा सीट पर 13 मई को मतदान होना है। भाजपा और सपा ने अपने प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया जबकि बहुजन समाज पार्टी ने अब तक अपने प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतरा था। आज सुबह बहुजन समाज पार्टी ने हरदोई और मिश्रिख लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशी को उतारने का ऐलान कर दिया है।

हरदोई में 13 मई को लोकसभा का चुनाव होना है। अब एक महीने से भी कम का समय बचा है। जब बहुजन समाज पार्टी ने अपने प्रत्याशी को उतारा है। हरदोई और मिश्रिख लोकसभा सीट के लिए गुरुवार से नामांकन भी शुरू हो गए हैं हालांकि हरदोई और मिश्रिख में बसपा एक डमी पार्टी के तौर पर देखी जा रही है जबकि भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। समाजवादी पार्टी को कांग्रेस की ओर से समर्थन प्राप्त है। प्रदेश में इनका गठबंधन चल रहा है।

राजनीतिक दलों की टिकी थी निगाह

बहुजन समाज पार्टी ने सुबह एक लिस्ट जारी की। जिसमें हरदोई सुरक्षित और मिश्रिख लोकसभा सीट सुरक्षित से प्रत्याशियों के नाम जारी किए थे। बसपा द्वारा हरदोई लोकसभा सीट से लखनऊ मंडल के प्रभारी भीमराव अंबेडकर को लोकसभा का अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि मिश्रिख से लोकसभा का प्रत्याशी बीआर अहिरवार को बनाया है। सभी राजनीतिक दलों की निगाहें बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी पर लगी हुई थी।

इस बीच काफी अटकलें भी थी कि भारतीय जनता पार्टी का कोई बड़ा नेता मिश्रिख से बहुजन समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार हो सकता है। लेकिन अब इन सब अटकलें पर पूरी तरह से विराम लग चुका है। एक समय था जब बहुजन समाज पार्टी से टिकट लेने के लिए बड़े-बड़े नेताओं की लाइन लगा रहती थी लेकिन आज कोई भी नेता बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा का टिकट नहीं लेना चाहता है। हरदोई में तो यह हाल है कि यहां तो बहुजन समाज पार्टी का कार्यालय कहीं नजर ही नहीं आता है। पार्टी के कहीं कार्यकर्ता तक नजर नहीं आते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को कितनी टक्कर दे पाएंगे।

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