Hardoi News: बारिश में शहर की सड़के बनी तालाब, नगर पालिका की अव्यवस्था का दंश स्कूल के छात्र-छत्राओ ने उठाया

Hardoi News: शहर में जल के निकासी के ना होना का सबसे बड़ा कारण शहर में नालो की अच्छी सफाई न होना, अतिक्रमण, तालाबों का पट जाना शहर में जल भराव का एक प्रमुख कारण है।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-07-19 17:10 IST

Hardoi News: हरदोई में मानसून की बारिश ने एक बार फिर दस्तक दी। सुबह लगभग 2 घंटे की हुई झमाझम बारिश से शहर की अधिकांश सड़के तालाब में तब्दील हो गई। आलम यह था कि लोगों की दुकानों के अंदर नाली का गंदा पानी प्रवेश कर गया था वहीं बारिश का पानी भर जाने से सड़क नजर नहीं आ रही थी। ऐसे में पूरे शहर में जाम की स्थिति देखने को मिली। शहर के पॉश इलाका आवास विकास में भी जल भराव देखने को मिला वही शहर के नघेटा रोड में घुटनों से ऊपर तक पानी सड़कों पर भरा हुआ था। रेलवे स्टेशन जाने वाला मार्ग भी जल मग्न था।बारिश से हुए जल भराव ने एक बार फिर नगर पालिका के कार्यों की पोल खोल दी है।

हरदोई शहर के नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्रा मधुर ने 5 वर्षीय एक कार्यकाल पूरा किया जिसके बाद उनका यह दूसरा कार्यकाल है। पूर्व के 5 वर्षीय कार्यकाल में और वर्तमान के कार्यकाल में अब तक सुखसागर मिश्रा मधुर क्षेत्र की जनता को जल भराव से निजात नहीं दिल पाये हैं हालांकि चुनाव के समय नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्रा मधुर के वादे और दावे बहुत बड़े-बड़े थे लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। बारिश में सबसे ज्यादा समस्या ट्रेन से आने और जाने वाले यात्रियों के साथ अगर किसी को उठानी पड़ती है तो वह स्कूल के छात्र छात्राये है।

अतिक्रमण व नालों की सफ़ाई बन रही वजह, जिम्मेदारों के कान में नहीं रेंग रही जू

शहर में जल के निकासी के ना होना का सबसे बड़ा कारण शहर में नालो की अच्छी सफाई न होना, अतिक्रमण, तालाबों का पट जाना शहर में जल भराव का एक प्रमुख कारण है। शहर में जल भराव से सबसे ज्यादा समस्या स्कूली छात्र-छात्राओं को होती है। शहर के नघेटा रोड पर नालों पर अतिक्रमण है नाले अपनी बदहाली के आंसू बहा रहे हैं वही नगर पालिका की ओर से नघेटा रोड के नालों की सफाई भी व्यापक तौर पर नहीं की जाती है। इसके चलते जरा सी बारिश में शहर की नघेटा रोड तालाब बन जाती है। इस रोड पर सेंट जेवियर्स, बाल विद्या भवन,आरआर इंटर कॉलेज जैसे बड़े और नामी स्कूल हैं जहां सैकड़ो की संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।बारिश में तालाब बनी सड़कों से इन बच्चों को निकलने में सबसे ज्यादा कठिनाइयां होती हैं।

बच्चों के ड्रेस से लेकर जूते नाली के गंदे पानी में डूब जाते हैं वहीं कई बच्चे पानी में गिरकर चुटहील भी हो जाते हैं। गुरुवार को ही सुबह बारिश ने एक बार फिर नघेटा रोड को तालाब में तब्दील कर दिया। नघेटा रोड पर भारी जाम की स्थिति देखने को मिली वही स्कूल के बच्चों को निकलने में सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आरआर इंटर कॉलेज के छात्र नाली के गंदे पानी से होते हुए निकले वहीं सेंट जेवियर स्कूल के बाहर तक पानी भर जाने से स्कूल से अपने मासूम बच्चों को लेने जाने वाले अभिभावकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

बारिश के चलते जल भराव का दंश स्कूल के बच्चों को उठाना पड़ता

स्कूल के बाहर तक भर पानी में कुछ छोटे बच्चे अपने अभिभावकों के साथ नाली के गंदे पानी से होकर जाते देखे जबकि कुछ बच्चों को उनके अभिभावक गोद में लेकर नाली के गंदे पानी से होकर निकलते नजर आए।सेंट जेवियर्स स्कूल के बाहर से एक नज़ारे ने सबको विचलित कर दिया एक बुजुर्ग अपने पोते को अपने कंधे पर बैठ कर नाली के गंदे पानी से होते हुए स्कूल से घर ले जाते हुए नजर आए। हालांकि इन सब बातों का ना ही जिला प्रशासन के अधिकारियों पर कोई असर पड़ा रहा है और ना ही नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्रा पर।नगर पालिका की लापरवाही यही नहीं रुकी नाघेटा रोड पर लगी स्ट्रीट लाइट के तार भी खुले थे ऐसे में कोई भी व्यक्ति करंट की चपेट में आ सकता है।जनपद में विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाले जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह भी जनपद की इस समस्या पर कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।

एक और जहां हरदोई जनपद में उद्योगों को लगाने और विकास की बात होती है वही बारिश से क्या हो रहे जल भराव से निजात दिलाने के लिए आज कई वर्षों से ना ही किसी जिलाधिकारी ने प्रयास किया और ना ही किसी नगर पालिका अध्यक्ष ने। शहर का रेलवे गंज हो, सिनेमा चौराहा से बदे चौराहे जाने वाला मार्ग हो, आवास विकास हो, कोयल बाग कॉलोनी हो,आजाद नगर हो बड़ा चौराहा से नुमाइश चौराहे जाने वाला मार्ग हो इन सब पर नाली का गंदा पानी जरा सी बारिश में भर जाता है और इस बारिश के चलते जल भराव का दंश व्यापारियों और स्कूल के बच्चों को उठाना पड़ता है। हालांकि हरदोई नगर के जिम्मेदार अपनी एक्सयूवी कार से होकर निकलते हैं इसलिए उन्हें यह दर्द यह तकलीफ समझ नहीं आती है।

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