Hardoi News: बर्तनों को भी नहीं छोड़ रहे शिक्षा विभाग के जिम्मेदार, बर्तन खरीद में हो रहा बड़ा खेल

Hardoi News: बर्तनों के खेल में चल रहे भ्रष्टाचार में एक कर्मचारी के खिलाफ विभाग ने कार्यवाही भी की है, लेकिन भ्रष्टाचार यहीं समाप्त होने या रुकने वाला नहीं है।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-10-12 15:22 IST

बर्तनों को भी नहीं छोड़ रहे शिक्षा विभाग के जिम्मेदार   (photo: social media )

Hardoi News: जनपद में भ्रष्टाचार की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार शिक्षा विभाग में देखने को मिलता है। स्कूल ड्रेस से लेकर कॉपी किताबें और अब बर्तनों में भी बड़े भ्रष्टाचार की बुह आने लगी है। शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयों में बर्तन को खरीदने के लिए धनराशि जारी की गई। धनराशि जारी होने के बाद से ही लगातार अब इसमें भ्रष्टाचार का खेल शुरू हो गया है।

बर्तनों के खेल में चल रहे भ्रष्टाचार में एक कर्मचारी के खिलाफ विभाग ने कार्यवाही भी की है, लेकिन भ्रष्टाचार यहीं समाप्त होने या रुकने वाला नहीं है। जनपद के सभी ब्लॉकों में यह खेल बदस्तूर जारी है। शिक्षा विभाग में हर एक कार्य का मूल्य निर्धारित है जिस दिए बिना कार्य होना मुश्किल होता है। शिक्षा विभाग में पहले ड्रेस को लेकर बड़े-बड़े घोटाले सामने आए इसके बाद अब बर्तनों में घोटाला होने लगा है। शिक्षा विभाग की ओर से बर्तनों की खरीद में जमकर खेल किया जा रहा है प्रधान अध्यापकों पर जबरदस्ती दवा बनाया जा रहा है।

चहेती फर्म को राहत देने के लिए बनाया जा रहा दवाब

प्राथमिक विद्यालय में बर्तन आपूर्ति को लेकर बड़ा खेल शुरू है।विद्यालय में बर्तन की खरीद को लेकर खींचतान मची हुई है। जनपद में 3446 परिषदीय विद्यालयों में 3005 विद्यालय में बर्तन खरीद के लिए मध्यान भोजन प्राधिकरण की ओर से धनराशि जारी की गई है जिसमें बच्चों की संख्या के आधार पर बर्तनों की खरीद होनी है जिस विद्यालय में 50 से डेढ़ सौ बच्चे हैं उन विद्यालयों को 15 हज़ार रुपये,151 से 250 बच्चे वाले विद्यालय को 20 हज़ार, 250 से अधिक बच्चे वाले विद्यालय को ₹25000 मध्यान्ह भोजन निधि से बर्तन खरीदने के लिए भेजे गए हैं। बर्तन खरीद के लिए प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से चेक जारी किया जाता है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ज्यादातर ब्लॉक इस घोटाले की चपेट में है। जिम्मेदारों ने हर ब्लाक के लिए एक फॉर्म निर्धारित कर दी है और अपनी चहेती फ़ार्म फर्म के हिसाब से प्रधानाध्यापकों से फर्म के नाम चेक ली जा रही है । प्रधानाध्यापकों को उनका कमीशन देने की बात भी कहीं जा रही है। नियमतः विद्यालयों के लिए बर्तन की खरीद किसी भी दुकान से की जा सकती है लेकिन दबाव में प्रधानाध्यापकों से जबरदस्ती निर्धारित फर्म की चेक ली जा रही हैं अपने चाहते फर्म को लाभ देने और खुद को लाभ प्राप्त करने के लिए जिम्मेदार बड़ा खेल कर रहे हैं। इस मामले में बीएसए विजय प्रताप सिंह ने कहा कि बर्तन खरीद में किसी तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी। अभी भरावन का मामला सामने आने पर वहां कार्रवाई हो चुकी है। अन्य विकास खंडों कि भी जांच कराई जाएगी। गोपनीय सूचनाएं ली जा रही है और जहां पर भी मनमानी मिली संबंधित बीडीओ के साथ ही कर्मचारी दोषी होंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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