Hardoi News: मोहम्मद अनीस से बने फक्कड़पुरी बाबा, मजहब और परिवार को त्याग भगवान शिव की भक्ति में हुए लीन

Hardoi News: हरदोई जनपद के कछौना कस्बे के रहने वाले फक्कड़पुरी बाबा का वास्तविक नाम मोहम्मद अनीस है लेकिन आज के समय मोहम्मद अनीस को फक्कड़पुरी बाबा के नाम से जाना जाता है।

Update: 2023-08-27 10:31 GMT
(Pic: Newstrack)

Hardoi News: एक और जहां देश में समुदायों को लेकर वाद-विवाद चलता रहता है। कई राजनीतिक पार्टियां सांप्रदायिकता के नाम पर वोट बांटने का काम करती हैं। ऐसे में उनको आईना दिखाने के लिए हरदोई जनपद के रहने वाले फक्कड़पुरी बाबा नाम से प्रख्यात एक महंत हैं। जोकि एक विशेष धर्म से ताल्लुक रखते थे, लेकिन देवों के देव महादेव में उनकी ऐसी अलख जगी कि वो संसार की सभी मोह माया को त्याग कर महादेव की भक्ति में लीन हो गए।

शुरूआत में झेलना पड़ा दोनों समुदायों से काफी विरोध

फक्कड़पुरी बाबा ने एक आश्रम भी बनाया है, जिसमें उन्होंने अपने हाथों से भगवान शिव की मूर्तियों के साथ मां पार्वती की मूर्ति को आश्रम में विराजमान किया है। साथ ही अन्य कई देवी देवताओं की भी मूर्ति को अपने ही हाथों से बनाकर आश्रम के मंदिरों में स्थापित किया है। फक्कड़पुरी बाबा दिन-रात भगवान शिव व मां पार्वती की आराधना में लीन रहते हैं। हालांकि इन सब के बीच विशेष संप्रदाय से आने वाले फक्कड़पुरी बाबा को दोनों धर्म के लोगों का काफी विरोध झेलना पड़ा, लेकिन इन सब के बीच बाबा का आत्मविश्वास और मनोबल ईष्ट देव शिव के प्रति कम नहीं हुआ। बल्कि जितना विरोध हुआ, उतना बाबा का आत्मविश्वास भगवान शिव के प्रति बढ़ता चला गया। आज बाबा के आश्रम में क्षेत्र के साथ-साथ दूर-दूर से लोग आते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर बाबा से भी आशीर्वाद लेते हैं।

पेड़ के नीचे शुरू की थी भगवान शिव की आराधना

हरदोई जनपद के कछौना कस्बे के रहने वाले फक्कड़पुरी बाबा का वास्तविक नाम मोहम्मद अनीस है लेकिन आज के समय मोहम्मद अनीस को फक्कड़पुरी बाबा के नाम से जाना जाता है। फक्कड़पुरी बाबा के मुख से कुरान की आयतें नहीं बल्कि शिव मंत्र के साथ वेद के श्लोक निकलते हैं। फक्कड़पुरी बाबा भगवान महादेव या भगवान शिव के आराध्या हैं। फक्कड़पुरी नाम से प्रख्यात बाबा का जोकि मुस्लिम धर्म से आते थे, उनका निकाह मुस्लिम रीति रिवाज के साथ हुआ था। साथ ही इनका पालन पोषण भी मुस्लिम घराने में ही हुआ था। शादी के बाद उन्होंने संसार की सभी मोह माया को त्याग दिया और अपने घर से निकलकर कछौना कस्बे में एक बरगद के पेड़ के नीचे अपना वास बना लिया।

देखते-देखते फक्कड़पुरी बाबा नाम से पूरे कस्बे में प्रख्यात हो गए। फक्कड़पुरी बाबा भगवान शिव को अपना आराध्या मानते हैं। फक्कड़पुरी बाबा ने एक आश्रम भी बनाया है, जिसमें भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को अपने हाथ से बनाकर मंत्रोचार कर स्थापित किया है। आश्रम के मुख्य द्वार पर फ़क्कड़पुरी बाबा ने अपने हाथों से पांचों पांडव की भी मूर्ति बनाकर स्थापित किया है। फक्कड़पुरी बाबा लोगों को सनातन धर्म की राह पर चलने को लेकर जागरूक करते हैं, साथ हर समुदाय के लोगों का सम्मान भी करते हैं।

जो शिव का नहीं, वो मेरा नहीं: फक्कड़पुरी बाबा

फक्कड़पुरी बाबा दुनिया को अपने आराध्य भगवान शिव की सेवा का संदेश देते हैं। दिन हो या रात सर्दी हो या गर्मी फक्कड़पुरी बाबा अपने आराध्य भगवान शिव व मां पार्वती की सेवा में लीन रहते हैं। जिस स्थान से फक्कड़पुरी बाबा ने भगवान शिव की सेवा करना शुरू किया था, आज वहां शांतिकुंज आश्रम बना हुआ है। बाबा का नाम मोहम्मद अनीस से बदलकर महंत फक्कड़पुरी श्री पंचदास नाम जूना अखाड़ा द्वारा रखा गया। फक्कड़पुरी बाबा कहते हैं कि तीनों लोक भगवान शिव के हैं और जो शिव का नहीं वह मेरा नहीं।

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