Hardoi News: आपातकालीन सेवाएं ना आई काम तो युवक ने थाने में दी तहरीर, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

Hardoi News: मुकेश कुमार ने तहरीर में कहा, घायल पिता और चाचा के इलाज के लिए पहले यूपी 112 पर कॉल की, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं मिला। कई बार एंबुलेंस 108 पर कॉल की, कोई मदद न मिली। जिसके बाद पिता और चाचा दोनों को किसी तरह मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां पहुंचने से पहले ही पिता की मौत हो चुकी थी।

Update:2023-07-01 13:54 IST
Hardoi news (फोटो: सोशल मीडिया )

Hardoi News: उत्तर प्रदेश में लोगों की सेवा के लिए शुरू हुई यूपी 112 व स्वास्थ्य से जुड़े मामलों के लिए शुरू हुई 108 नंबर की सेवा शुरू से ही अपने लचर रवैया को लेकर सवालों के घेरे में रही। हालांकि अधिकारियों द्वारा की जाने वाली मॉक ड्रिल में यूपी 112 और एंबुलेंस 108 सेवा समय से पहुंचती है। जनपद में यूपी 112 और एंबुलेंस के 108 सेवा के लचर रवैया के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई।

सड़क हादसे में घायल दो भाइयों को अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों द्वारा पहले यूपी पुलिस की 112 सेवा पर कॉल की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।यूपी 112 को लेकर कहा जाता है कि कई बार फोन मिलाने पर भी यूपी 112 पर बात नहीं हो पाती है जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे की 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल की गई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग का रवैया अपने मरीजों के प्रति शुरू से ही बड़ा ही उदासीनता भरा रहा है। कई बार फोन करने पर एंबुलेंस के जाम में फंसे होने की जानकारी दी जाती रही।

यूपी पुलिस की 112 व स्वास्थ्य महकमें की 108 नंबर की सेवा उपलब्ध ना होने से परिजनों द्वारा राहगीरों की मदद से घायल दोनों भइयों को हरदोई के मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भर्ती कराया गया, जहां पर एक भाई की मौत हो गई जबकि दूसरे का उपचार किया गया। सड़क हादसे में घायल हुए व्यक्ति की मौत के बाद एक बार फिर यूपी की स्वास्थ्य सेवाएं व यूपी 112 की सेवा सवालों के कटघरे में हैं। लोगों की सहूलियत के लिए बनाई गई आपातकालीन सेवाओं में देरी क्यों होती है। अक्सर फोन मिलाने पर इन नंबरों पर फोन नहीं मिलता है। शासन को इस बाबत ध्यान देना चाहिए जिससे कि किसी आपातकालीन समय में इन नंबरों पर फोन मिलाने को तत्काल राहत मिले। अक्सर लोगों की यही शिकायत रहती है कि पुलिस विभाग की यूपी 112 हो या फिर स्वास्थ्य विभाग 108 इन पर जल्दी फोन नहीं मिलते हैं और जब मिलते हैं उसके बाद भी काफी देर बाद पीड़ित को रिस्पांस मिलता है।

क्या था पूरा मामला

19 जून को सुरसा थाने के मढ़िया जानकीनगर मजरा खजूरहरा निवासी रामकिशोर अपने छोटे भाई प्रेमलाल के साथ उसी की शादी की तैयारी के सिलसिले में शहर आया हुआ था। जहां से दोनों भाई बाइक से वापस गांव जा रहे थे कि तभी रास्ते में बिलग्राम चुंगी से पहले ही नॉर्मल स्कूल के पास एक तेज रफ्तार गाड़ी ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में दोनों भाई बुरी तरह से घायल हो गए रामकिशोर के पुत्र मुकेश कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि उसके द्वारा अपने जख्मी पिता और चाचा के इलाज के लिए पहले यूपी 112 पर कॉल की गई लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं मिला। उसके बाद एक बार नहीं कई बार स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस 108 पर कॉल की बार-बार कॉल करने पर एंबुलेंस के लखनऊ चुंगी पर जाम में फंसे होने की बात कही जाती रही, जिसके बाद उसके द्वारा अपने पिता और चाचा को लोगों की मदद से मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां पहुंचने से पहले ही उसके पिता रामकिशोर की मौत हो चुकी थी। पुलिस में रामकिशोर के पुत्र मुकेश कुमार की तहरीर पर अभियोग पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है।

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