Hardoi News: स्वास्थकर्मियों की मनमानी पर लगेगी रोक, इस एप से रखी जाएगी नज़र

Hardoi News: स्वास्थ्य विभाग में अब डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही पर लगाम लगाने के लिए शासन से निगरानी की कवायद शुरू हो गई है। डॉक्टर चाहे सरकारी अस्पताल का हो या निजी अस्पताल का सभी पर अब शासन निगरानी करेगा।

Update:2023-05-18 21:13 IST
(Pic: Social Media)

Hardoi News: लगातार स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर डॉक्टरों तक की शिकायत स्वास्थ्यमंत्री बृजेश पाठक को मिल रही थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में अब डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही पर लगाम लगाने के लिए शासन से निगरानी की कवायद शुरू हो गई है। डॉक्टर चाहे सरकारी अस्पताल का हो या निजी अस्पताल का सभी पर अब शासन निगरानी करेगा। सरकारी सेवा के अलावा निजी अस्पतालों में कार्य करना हो या फिर अस्पताल का संचालन करना, अब नियमों की अवहेलना कर ऐसा करना आसान नहीं होने वाला है। सभी स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर डॉक्टरों तक के लिए अब ‘एचपीआर हेल्थ प्रोफेशनल रिकॉर्ड’ नाम की ऐप को जारी किया गया है। इस ऐप पर सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों का ब्यौरा अपलोड करना होगा। डॉक्टर कर्मचारियों का विवरण पोर्टल पर अपलोड हो जाने के बाद सभी को एक यूनिक आईडी जारी की जाएगी और फिर शासन इस आईडी के माध्यम से इनकी गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे।

तबादलों के सहायक बनेगा एप

अब एक ही जनपद में वर्षों तक जमे रहने वाले स्वास्थ्यकर्मियों व डॉक्टरों पर नकेल कसी जा सकेगी। स्वास्थकर्मियों के तबादले के दौरान आने वाली दिक्कतों को भी काफी हद तक दूर किया जा सकेगा। यदि किसी स्वास्थ्यकर्मी या डॉक्टर की मौत हो जाती है तो उसकी भी जानकारी ऐप के माध्यम से हो सकेगी। इसके अलावा डॉक्टरों व कर्मचारियों की मनमानी पर ब्रेक लग जाएगा। इस ऐप पर निजी डॉक्टर कर्मचारियों का भी विवरण अपलोड करने की क़वायद शुरू होगी। इसकी शासन स्तर पर तैयारियां की जा रही है।

सरकारी डॉक्टर के कार्यों पर रहेगी नज़र

हरदोई जनपद में मौजूदा समय में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्य करने वाले चिकित्सकों की संख्या 300 से अधिक है। इसी प्रकार एएनएम की संख्या स्टाफ नर्स की संख्या और सीएचओ की संख्या तकरीबन एक हजार के आसपास है। इन सभी स्वास्थ्यकर्मियों का हेल्थ प्रोफेशनल रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। इसके बाद इसे मानव संपदा एप पर अपलोड किया जाएगा। इसी ऐप के माध्यम से डॉक्टरों और कर्मचारियों की गतिविधियों पर शासन स्तर से नजर रखी जा सकेगी। सूत्रों ने बताया कि यदि कोई सरकारी डॉक्टर और कर्मचारी सरकारी सेवा में रहते हुए निजी अस्पताल चलाता है, वह तत्काल इस ऐप के माध्यम से पकड़ में आ जाएगा। यही नहीं यदि किसी दूसरे के क्लीनिक पर बैठकर मरीज देखता भी है या किसी संस्था में कार्य करता है तो उसकी भी जानकारी इस ऐप के माध्यम से शासन को लग जाएगी।

ये कहा सीएमओ ने

सीएमओ डॉक्टर आरके तिवारी ने कहा कि शासन स्तर से जो भी आदेश प्राप्त हुए हैं, उनका पूर्णता से पालन कराया जाएगा। विभाग में कार्यरत डॉक्टरों ने स्टाफ नर्स, एएनएम, सीएचओ का डाटा अपलोड किया जा रहा है।

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