Hardoi News: सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट परेशान हुए ग्राम प्रधान ने दिया इस्तीफा, लगाए ये गंभीर आरोप

Hardoi News: ग्राम प्रधानों द्वारा कराए जाने वाले कार्य का समय पर भुगतान ना होने से ग्राम प्रधानों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाता है। इन्हीं सब से तंग आकर हरदोई जनपद के एक ग्राम प्रधान ने अपना इस्तीफा लेखाकार को सौंप दिया।

Update: 2023-07-06 13:17 GMT
सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट परेशान हुए ग्राम प्रधान ने दिया इस्तीफा: Photo- Newstrack

Hardoi News: अक्सर ग्राम प्रधानों की सबसे बड़ी समस्या रही है, उनका समय पर भुगतान ना होना। ग्राम प्रधानों द्वारा कराए जाने वाले कार्य का समय पर भुगतान ना होने से ग्राम प्रधानों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाता है। ग्राम प्रधान द्वारा कई बार अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काटने के बाद भी भुगतान में काफी समय लग जाता है, साथ ही अधिकारियों का भी कार्य को लेकर काफी दबाव रहता है। इन्हीं सब से तंग आकर हरदोई जनपद के एक ग्राम प्रधान ने अपना इस्तीफा लेखाकार को सौंप दिया।

सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटकर ग्राम प्रधान आया डिप्रेशन में!

उत्तर प्रदेश की राजधानी से सटे हरदोई जनपद में एक ग्राम प्रधान ने डिप्रेशन में आकर लेखाकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। दरअसल, ग्राम प्रधान काफी दिनों से डिप्रेशन में चल रहा था। ग्राम प्रधान का आरोप है कि क्षेत्र में कराए गए विकास कार्य में प्रयोग हुई सामग्री का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में उसके सामने समस्याएं खड़ी हो गई हैं। अधिकारियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी विकास कार्य में इस्तेमाल हुई सामग्री का भुगतान नहीं हुआ है। ग्राम प्रधान के इस्तीफे के बाद कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। आखिर विकास कार्य में प्रयोग की जाने वाली सामग्री का भुगतान प्रशासन स्तर से समय पर क्यों नहीं किया जाता है। वैसे भी शासन, प्रशासन से लेकर ग्राम प्रधान, ठेकेदारों पर कार्य को सही से ना कराने के भी आरोप लगाते रहते हैं।

कई कार्यों के भुगतान है लंबित

हरदोई जनपद के विकासखंड सुआगाडा तिगवा के प्रधान कमल किशोर त्रिपाठी ने जिला प्रशासन की कार्यशैली व भुगतान में देरी के चलते लेखाकार को अपना इस्तीफा सौंपा। ग्राम प्रधान कमल किशोर त्रिपाठी ने कहा कि क्षेत्र में कराए गए विकास कार्य में प्रयोग हुई सामग्री का भुगतान नहीं मिला है। जिसके चलते वह काफी डिप्रेशन में चल रहे है। कई बार उनके द्वारा जिला प्रशासन के अधिकारियों को भुगतान कराए जाने की अपील की गई लेकिन प्रशासन स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हुई। कमल किशोर त्रिपाठी इस वर्ष तीसरी बार ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए हैं। इस बार भी वह निर्विरोध प्रधान चुने गए थे।

भुगतान नहीं होने पर परेशान हुआ ग्राम प्रधान

ग्राम प्रधान ने बताया कि ग्राम पंचायत में निर्मल के दरवाजे से पुलिया तक इंटरलॉकिंग और नाली निर्माण का कार्य कराया गया था, उसका पूरा भुगतान नहीं हो रहा है। गांव में लगे हैंडपंपों की मरम्मत का लगभग ₹1 लाख का भी भुगतान नहीं हुआ है। बड़े भुगतान को लेकर कई बार लेखाकार समेत जिम्मेदारों को अवगत कराया गया लेकिन फिर भी भुगतान नहीं हुआ।

ग्राम प्रधान ने बताया कि विकास खंड व जिले के अधिकारी आए दिन कार्य कराने को लेकर दबाव बनाते हैं। पिछला भुगतान न होने के कारण अब सामग्री भी उद्धार नहीं मिल पा रही है। कमल किशोर त्रिपाठी ने कहा कि गांव में विकास कार्य कराने के लिए अब जिला प्रशासन चाहे समिति गठित कराकर कार्य कराए या अफसर खुद गांव को चला लें। जिला प्रशासन के इस रवैए के चलते प्रधानी चलाने में वह सक्षम नहीं है। इस बाबत खंड विकास अधिकारी महेश चंद्र ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है, अगर कोई समस्या है तो निस्तारण कराया जाएगा।

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