हाथरस पर बड़ा खुलासा: सामने आई गैंगरेप पीड़िता की रिपोर्ट, डॉक्टर ने बताई सच्चाई

उत्तर प्रदेश के हाथरस हादसे में गैंगरेप की पीड़िता की 15 दिन बाद मौत हो गई है। ऐसे में गैंगरेप पीड़िता की मौत की वजह को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। हादसे के बारे में डॉक्टरों के अनुसार, पीड़िता की मौत गले और रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण हुई है।

Update:2020-09-30 12:24 IST
उत्तर प्रदेश के हाथरस हादसे में गैंगरेप की पीड़िता की 15 दिन बाद मौत हो गई है। ऐसे में गैंगरेप पीड़िता की मौत की वजह को लेकर एक नया खुलासा हुआ है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस हादसे में गैंगरेप की पीड़िता की 15 दिन बाद मौत हो गई है। ऐसे में गैंगरेप पीड़िता की मौत की वजह को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। हादसे के बारे में डॉक्टरों के अनुसार, पीड़िता की मौत गले और रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण हुई है। वारदात के समय घसीटे जाने की वजह से और गिरने की वजह से पीड़िता के कमर और कूल्हे में भी गहरी चोटें लगी थी। पीड़िता की रीढ़ की हड्डी में आई चोट के कारण ही उनके नीचे का हिस्सा काम नहीं कर रहा था।

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बेटी की हालात बहुत खराब

पीड़िता की रिपोर्ट पर डॉक्टरों ने बताया कि पीड़िता के गले में चोट की वजह से भी वो हिल-ढुल नहीं पा रही थीं। इसी वजह से उनकी मौत हुई है। ये बाते जेएन मेडिकल कॉलेज (JN Medical College) में ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) के सीएमओ डॉक्टर एहतेशाम ने कहा है।

ऐसे में पीड़िता के पिता का आरोप है कि जब हम दिल्ली एम्स में बेटी को भर्ती कराने पहुंचे तो वहां मना कर दिया गया। कहा कि आप सफदरजंग अस्पताल जाइए, जबकि बेटी की हालात बहुत खराब थी। यह सब बताने के बाद भी भर्ती नहीं किया गया।

 

फोटो-सोशल मीडिया

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एम्स में भर्ती नहीं किया

इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज का कहना है कि यह शर्म की बात है कि अधिकतर बिस्तर खाली होने के बाद भी पीड़िता को एम्स में भर्ती नहीं किया गया। यूपी से एम्स लाई गई बेटी को सफदरजंग में भर्ती करा दिया गया। यह गंभीर लापरवाही है।

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हादसे के बारे में हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने बयान जारी करते हुए कहा है कि पीड़िता की जीभ काटी नहीं गई है। गला दबाने के दौरान जीभ बाहर आ जाती है। उसी घटना के दौरान जीभ पर पीड़िता के दांत के निशान जीभ पर आ गए थे। इसके बाद में जीभ की यह चोट सही हो गई थी। पीड़िता बोलने भी लगी थी। उन्‍होंने दो-तीन बार अपने बयान भी दर्ज कराए हैं।

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