महिला टीचरों के अंतर जनपदीय transfers , Online आवेदन स्वीकार के निर्देश

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रही महिला अध्यापिकाओं के अंतर जनपदीय स्थानांतरण का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार के पांच फरवरी और छह फरवरी को जारी शासनादेशों को मंजूरी देते हुए अध्यापिकाओं से अंतर जनपदीय स्थानांतरण हेतु आनलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि तबादलों में पूरी पार

Update: 2018-02-06 15:16 GMT

इलाहाबाद: प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रही महिला अध्यापिकाओं के अंतर जनपदीय स्थानांतरण का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार के पांच फरवरी और छह फरवरी को जारी शासनादेशों को मंजूरी देते हुए अध्यापिकाओं से अंतर जनपदीय स्थानांतरण हेतु आनलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि तबादलों में पूरी पारदर्शिता बरती जाय और अंतर जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाय। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि कोई अधिकारी इसका उल्लंघन करता है तो वरिष्ठ अधिकारी उस पर कार्रवाई करे।

विभा कुशवाहा, रीना यादव सहित 1700 याचिकाओं को निस्तारित करते हुए यह आदेश जस्टिस एम.सी त्रिपाठी ने दिया। याचिका पर अधिवक्ता इंद्रराज सिंह, अनूप त्रिवेदी, विभू राय सहित कई वकीलों ने पक्ष रखा। प्रदेश सरकार की ओर से छह फरवरी को सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा शासनादेश का हवाला देकर कहा गया कि सरकार ने महिलाओं के अंतर जनपदीय तबादले हेतु आनलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्णय लिया है।

कोई भी महिला अध्यापिका जो बेसिक शिक्षक स्थानांतरण नियमावली के नियम 8(2) (घ) के तहत विशेष परिस्थिति में आती है। ऐसी अध्यापिका अपने पति के तैनाती वाले जिले या ससुराल के जिले में स्थानांतरण हेतु आवेदन कर सकती है।अध्यापिकाओं पर पांच वर्ष की न्यूनतम तैनाती की शर्त लागू नहीं होगी।कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए अध्यापिकाओं के आनलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्देश दिया है।

Tags:    

Similar News