हाईकोर्ट ने CS से पूछा- वक्फ ट्रिब्यूनल के सदस्यों की नियुक्ति में देरी क्यों?
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ व रामपुर स्थित वक्फ अधिकरण के रजिस्ट्रार व सदस्यों की नियुक्ति मामले में प्रमुख सचिव (नियुक्ति) से 10 दिन में व्यक्तिगत जवाबी हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने कहा, है कि सरकार की उदासीनता के चलते भारी संख्या में मुकदमे सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। एक या दो सदस्य अनाधिकृत व अवैध आदेश जारी कर रहे हैं। नियुक्ति न होने व स्टाफ की कमी से लोक संपत्ति का नुकसान हो रहा है।' याचिका की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने प्रबंध समिति वक्फ दरगाह हजरत शाह अब्दुल वहाब मस्जिद एवं कब्रिस्तान जालौन की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट के निर्देश पर विपक्षियों द्वारा हलफनामे दाखिल किए गए जिन्हें कोर्ट ने संतोषजनक नहीं माना और कहा, कि 'वक्फ अधिकरण के सभी सदस्यों की नियुक्ति न कर पैसे की बर्बादी की जा रही है। जिसके चलते वादकारी असहाय हो रहे हैं।'
प्रदेश के अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने कहा, कि राज्य सरकार उचित व्यवस्था कर रही है। दोनों अधिकरण पूरी तरह से क्रियाशील होंगे। एक सदस्य की नियुक्ति लखनऊ में इसी साल 12 जुलाई को की गई। बीते 29 जून को रामपुर वक्फ अधिकरण ने शबीह फातिमा एडवोकेट को तृतीय सदस्य नामित किया। द्वितीय सदस्य का चार्ज मार्तण्ड प्रताप सिंह एडीएम रामपुर को दिया गया है। बता दें, कि लखनऊ वक्फ अधिकरण में 1,347, वक्फ अधिकरण रामपुर में 1,547 मुकदमे विचाराधीन हैं।