Atiq Ahmad: जेल में बंद अतीक अहमद के बेटों की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई, जान को बताया है खतरा
Atiq Ahmad: दिवंगत कुख्यात माफिया अतीक अहमद के दोनों बड़े बेटे उमर और अली अहमद काफी समय से जेल में हैं। बड़ा बेटा उमर अहमद लखनऊ की जेल में और दूसरा बेटा अली प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। दोनों की डर है कि उनके उपर जानलेवा हमला हो सकता है।
Atiq Ahmad: दिवंगत कुख्यात माफिया अतीक अहमद के दोनों बड़े बेटे उमर और अली अहमद काफी समय से जेल में हैं। बड़ा बेटा उमर अहमद लखनऊ की जेल में और दूसरा बेटा अली प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। दोनों की डर है कि उनके उपर जानलेवा हमला हो सकता है। लिहाजा उन्होंने प्रयागराज हाईकोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। कोर्ट के आदेश पर दोनों भाई बुधवार को हलफनामा पेश करेंगे।
इस हलफनामे के आधार पर ही उच्च न्यायालय तय करेगा कि दिवंगत माफिया के जेल में बंद बेटों की सुरक्षा पर खतरा है या नहीं। कोर्ट इसी पर माफिया के दोनों अपराधी बेटों को सुरक्षा मुहैया करने के बारे में फैसला लेगी। इस मामले में कोर्ट में यूपी सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता भी अपना पक्ष रखेंगे। बता दें कि प्रयागराज पुलिस ने उमर और अली दोनों भाईयों को भी चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया है।
पिता और चाचा की हत्या के बाद डरे दोनों भाई
दरअसल, पिता और चाचा की हत्या के बाद उमर और अली अहमद ने प्रयागराज हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। याचियों ने कहा था कि कोर्ट में पेशी के दौरान उनपर जानलेवा हमला हो सकता है। इसलिए उनकी पूरी सुरक्षा करने और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी करने का आदेश दिया जाए। इतना ही नहीं नैनी सेंट्रल जेल में बंद अली ने जेल बदलने की गुहार भी लगाई।
पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस मंजीव शुक्ल ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा था कि काल्पनिक आधार पर किसी को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश नहीं दिया जा सकता। पेशी के दौरान सुरक्षा खतरे को लेकर कुछ विश्वसनीय साक्ष्य भी होने चाहिए ताकि उसके आधार पर कोर्ट सरकार को आदेश दे सके।
बता दें कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद से यूपी पुलिस बड़े अपराधियों को कोर्ट ले जाने की बजाय वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए ही उनकी पेशी करवा रही है। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई जिलों में मामले चल रहे हैं। लेकिन वह सब मामलों में जेल से ही वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो रहा है।
15 अप्रैल को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या
कुख्यात माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को फरवरी में हुए चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया था। इस मामले में पूछताछ के लिए अतीक को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और अशरफ को बरेली सेंट्रल जेल से प्रयागराज लाया गया था। 15 अप्रैल की रात दोनों भाईयों को पुलिस अभिरक्षा में शहर के कॉल्विन अस्पताल में चेक अप के लिए ले जाया जा रहा था। तभी मीडियाकर्मियों के बीच मौजूद तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर माफिया ब्रदर्स को मौत के घाट उतार दिया था।
इस हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी ने पूरे ढ़ाई माह बाद चार्जशीट तैयार कर ली है। अब उसे प्रयागराज सीजेएम कोर्ट में जल्द पेश किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में एसआईटी ने दावा किया है कि वारादात वाले दिन तीनों शूटरों में से लवलेश तिवारी सबसे पहले कॉल्विन अस्पताल पहुंचा था। उसके पहुंचने के 12 मिनट बाद अरूण मौर्य और सनी सिंह पहुंचे थे। लवलेश मीडिया कर्मी बनकर अतीक के गाड़ी से उतरने का वीडियो बना रहा था। बता दें कि तीनों हमलावर फिलहाल प्रतापगढ़ की जेल में बंद हैं।