Heart Attack in UP: आखिर क्यों है यूपी के इस शहर में हार्ट अटैक का कहर, 9 दिन में 130 लोगों की गई जान
Heart Attack in UP: कड़ाके की ठंड ने एक तरफ से जीवन की रफ्तार को धीमा कर दिया है। मौसम का यह मिजाज दिल के मरीजों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रही है।
Heart Attack in UP: उत्तर प्रदेश में इन दिनों हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों से अधिक ठंडा मैदानी इलाकों के शहर हो चुके हैं। इन शहरों में से कई का तापमान 2 डिग्री से भी नीचे जा चुका है। कड़ाके की ठंड ने एक तरफ से जीवन की रफ्तार को धीमा कर दिया है। मौसम का यह मिजाज दिल के मरीजों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रही है। कानपुर और लखनऊ में दिल का दौड़ा पड़ने के कारण मरने वाले लोगों के आंकड़े डराने वाले हैं।
ठंड ने सबसे अधिक कहर कानपुर के दिल के मरीजों पर बरपा रखा है। यहां अभी तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अस्पातलों में पैर रखने तक की जगह नहीं है। कानपुर के अस्पतालों में रोज 1000 से 1500 मरीज पहुंच रहे हैं। खचाखच भरे अस्पतालों में बैठने तक का जगह नहीं है। लोग इस कड़ाके की सर्दी में बाहर बिस्तर डालकर समय बिताने के लिए मजबूर हैं।
कानपुर के एक अस्पातल में 100 से अधिक मौत
कानपुर जिले का सबसे बड़ा हार्ट अस्पताल एल.पी.एस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रतिदिन 1000 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। कार्डियोलॉजी प्रबंधक के आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी से 9 जनवरी तक यानी पिछले नौ दिनों में हार्ट अटैक से 131 लोगों की मौत हुई है। ये आंकड़ा सिर्फ शहर के एक अस्पताल का है। यहां रोजाना ओपीडी में 600 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। एलपीएस ह्रदय रोग केंद्र कानपुर के निदेशक डॉ विनय कृष्ण ने कहा कि मृतकों के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। इससे पहले कभी इतनी मौतें दर्ज नहीं की गईं। उन्होंने इन मौतों के पीछे पोस्ट कोविड इफेक्ट और ठंड को जिम्मेदार ठहराया है।
लखनऊ के अस्पताल भी मरीजों से भरे
राजधानी लखनऊ के अस्पताल भी हार्ट के मरीजों से भर चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी यानी केजीएमयू के कार्डियोलॉजी विभाग में करीब-करीब सभी बिस्तर फुल हो चुके हैं। लोहिया संस्थान में 23 बेड का आईसीयू फुल हो चुका है। वहीं, पीजीआई में भी दिल के मरीजों के बेड फुल हो चुके हैं।
ठंड में क्यों हो रही हैं अधिक मौतें ?
पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर नवीन गर्ग ने बताया कि सर्दियों में रक्तवाहिनियां सिकुड़ जाती हैं। दिल को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिल पाता है। दिल की मांसपेशियां प्रभावित हो जाती हैं। इसका असर दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियों पर भी पड़ता है। खून चिपचिपा और गाढ़ा होने लगता है। मांसपेशियां खराब होने से दिल का दौड़ा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सर्दी के मौसम में दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस मौसम में बीपी और कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, इसलिए मरीजों को नियमित जांच कराते रहना चाहिए।
बचाव के लिए करें ये उपाय
- ठंड से बचें
- जिम में ज्यादा वेट न उठाएं
- योग-प्राणायम करें
- धूप निकलने पर तेज चलें
- सीनों के बीचों बीच दर्द होने पर तत्काल अस्पताल जाएं
- बीपी और डायबटीज की दवा का सेवन समय से करें
हार्ट अटैक के लक्षण
- मरीज को सीने में तेज दर्द हो सकता है
- सीने में दर्द के साथ अक्सर पसीना आता है, घबराहट होती है
- बुजुर्ग और डायबिटीज के मरीजों को सीने में दर्द कम होता है, ऐसे लोगों को सांस फूलने की दिक्कत अधिक होती है