यहां कलेक्टर-SP करतें हैं मंदिर में भगवान के सामने रिपोर्टिंग

राम जन्मभूमि विवाद के फैसले को देखते हुए ओरछा के विश्व प्रसिद्ध राम राजा मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आपको बता दें, उच्चतम न्यायालय ने आयोध्या मामले के फैसले की पूरी तैयारी कर ली है।

Update:2019-11-08 13:20 IST

ओरछा: राम जन्मभूमि विवाद के फैसले को देखते हुए ओरछा के विश्व प्रसिद्ध राम राजा मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आपको बता दें, उच्चतम न्यायालय ने आयोध्या मामले के फैसले की पूरी तैयारी कर ली है। इसी से जुड़ी खबर झांसी के पास स्थित ओरछा जिले से आ रही है। जहां भगवान राम का मंदिर विशेष मान्यता रखता है और यहां भगवान को भगवान नहीं माना जाता। अगर नहीं पता तो हम आपको बतातें हैं।

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यहां भगवान राम को राजा के रूप में जाना जाता है

ओरछा में भगवान राम के नहीं बल्कि राजा के रूप में पूछे जाते हैं। ऐसा माना जाता है आज भी भगवान राम का शासन ओरछा में चलता है। ऐसा बताया जाता है जब भी किसी कलेक्टर- पुलिस अधीक्षक (SP) की नई भर्ती होती है तो वो भगवान राम के सामने आकर रिपोर्ट करते हैं।

ओरछा की कहानी भगवान राम के मंदिर से जुड़ी हुई है। असल में राजा मधुकर शाह ने एक भव्य चतुर्भुज मंदिर का निर्माण का काम शुरू कराया था। यह मंदिर भगवान राम की मूर्ति के लिए बनवाया गया था। उस समय राजा ने सोचा था कि मंदिर में मूर्ति की स्थापना पूरे विधि विधान से की जाएगी।

लेकिन जब मूर्ति की स्थापना करने का टाइम आया तो वह अपने स्थान से हिली नहीं। हम आपको बता दें, इस मूर्ति को मधुकर शाह बुंदेला के राज्यकाल (1554-92) के दौरान उनकी रानी गनेश कुवर अयोध्या से लाई थीं और स्थापना से पहले मूर्ति रानी के रनवास में ही बैठाया दिया गया था। उसके बाद में कोई भी मूर्ति को उसके स्थान से हिला नहीं पाया। जिसके बाद इसे भगवान की मर्जी समझकर महल को ही मंदिर बना दिया गया था। फिर इस मंदिर का नाम "राम राजा मंदिर" रखा गया था। तब से लेकर आज तक भगवान राम इसी जगह विराजमान हैं।

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कैसा है ओरछा

यहां ओरछा घूमने का अलग ही मजा है। झांसी से महज 16 किलोमीटर दूर ओरछा महलों, मंदिरों और बेतवा नदी के लिए जाना जाता है। यह सिर्फ ग्‍वालियर से 120 किलोमीटर दूरी पर है। किसी ज़माने में यह बुंदेलखंड की राजधानी रह चुका था ये छोटा सा शहर है।

राजा राम मंदिर के बारे में

मंदिर चौकोर चबूतरे पर बना है। यह मंदिर ओरछा का सबसे लोकप्रिय और खास मंदिर है। यह भारत का एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। ऐसा

माना जाता है कि राजा मधुकर को भगवान राम ने सपने में दर्शन दिए और अपना एक मंदिर बनवाने को कहा। राजा ने श्रीराम के जन्मस्थल अयोध्या से उनकी मूर्ति मंगवाई थी।

मूर्ति को मंदिर का निर्माण होने तक महल में रखवा दिया था। इस प्रकार महल को ही भगवान राम का मंदिर बना दिया गया।

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राजा मधुकर शाह ने अपना राजपाट छोड़कर भगवान श्री राम को ही सत्ता सौंप दी

हम आपको बता दें, बाद ओरछा के राजा मधुकर शाह ने अपना राजपाट छोड़कर भगवान श्री राम को ही सत्ता सौंप दी थी और उनका राज्य अभिषेक किया गया था।

उस दिन से आज तक भगवान राम का ही राज चल रहा है। लोग उन्हें वहां का राजा मानते हैं। आपको बता दें, ओरछा ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भगवान राम को भगवान नहीं बल्कि राजा माना की तरह माना जाता है।

भगवान राम को पुलिस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। और तो और अब ये प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी बन गया है जहां देश विदेश से भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

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