हाईकोर्ट ने अखिलेश सरकार से पूछा- स्कूलों में दरी-बोरे पर क्यों बैठते हैं बच्चे?
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे दरी या बोरे पर क्यों बैठते हैं? उनको बैठाने के लिए बेंच या कुर्सियों की व्यवस्था क्यों नहीं की जाती है। कोर्ट ने सरकार से प्राइमरी स्कूलों में शौचालय और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की जानकारी मांगी है।
कृष्ण प्रकाश त्रिपाठी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने प्रमुख सचिव प्राथमिक शिक्षा को निर्देश दिया है कि वह अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्ययोजना तय करे। कोर्ट को इस बावत जानकारी दे।
प्राइमरी स्कूल में नहीं हैं बैठने की व्यवस्था
याची का कहना है कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है। बच्चे बोरे या दरी पर बैठकर पढ़ते हैं। ठंड-गर्मी और बरसात हर मौसम में उनको जमीन पर ही बैठाकर पढ़ाया जाता है।
स्कूलों में मूलभूत आवश्यकताओं की भी कमी
इसके अलावा स्कूलों में शौचालय और पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की भी कमी है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि सुनवाई की अगली तारीख 14 दिसंबर को न्यायालय को अवगत कराया जाए कि क्या प्रबंध किए जा रहे हैं।