बुंदेलखंड में गरीबों के सस्ता भोजन योजना पर CS ने नहीं दिया जवाब, HC खफा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दशकों से सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र के गरीबों को 5 और 10 रुपए में भोजन योजना की मुख्य सचिव द्वारा जानकारी न देने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और 12 मार्च को हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

Update: 2018-03-05 12:54 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दशकों से सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र के गरीबों को 5 और 10 रुपए में भोजन योजना की मुख्य सचिव द्वारा जानकारी न देने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और 12 मार्च को हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने पूछा है कि लखनऊ में सरकार किस कानूनी योजना से 5 और 10 रुपए में गरीबों को भरपेट भोजन दे रही है और बुंदेलखंड के गरीबों को ऐसी सुविधा क्यों नहीं दी जा सकती।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति शशिकान्त की खण्डपीठ ने बुंदेलखंड हाई कोर्ट अधिवक्ता संघ की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा था कि बुंदेलखंड के गरीबों को 2, 5,10

रुपए में भोजन उपलब्ध कराने की योजना पर सरकार का पक्ष स्पष्ट करे। मुख्य सचिव ने हलफनामा दाखिल कर कानूनी उपबन्धों का हवाला दिया और भोजन योजना पर जानकारी नहीं दी।

बताया कानून के मुताबिक सरकार गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की सहायता योजनाओं पर अमल कर रही है। कोर्ट का कहना था कि सरकार मुफ्त अनाज सहित अन्य योजनाओं में सब्सिडी बंद कर क्यों नहीं गरीबों को सस्ते दर पर भोजन की योजना लागू करती।

कोर्ट ने कहा था कि संसद में सरकार भारी सब्सिडी दे रही है और लखनऊ में दो जगहों पर 5 और 10 रुपए में

भोजन योजना शुरू किया है। ऐसी योजना बुंदेलखंड में भी शुरू की जा सकती है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को सरकार ऐसी योजना पर मतस्पष्ट करने का समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 12 मार्च नियत की है।

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