Bulandshahr: हाइकोर्ट की रडार पर अवैध बुलडोज़र चलाने वाले अफसर, कोर्ट में तलब
Bulandshahr: बुलन्दशहर जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने 29 मार्च को ऐरोसिटी रेजीडेंसी पर अवैध रूप से बुलडोज़र चला दिया, जिसके लिए इलाहाबाद हाइकोर्ट ने अधिकारीयों को तलब किया है।
Bulandshahr: यूपी में दूसरी बार योगी अदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath) की सरकार का गठन होते ही सीएम योगी ने बेलगाम अफसरशाही पर नकेल कसते हुए कहा था बुलडोज़र माफिया, गुंडे और बदमाशों की अवैध सम्पत्तियों पर ही चलाया जाए, साथ ही भले और अमन पसंद लोग बुलडोज़र की जद में न आये। लेकिन योगी के बेलगाम अफसरों ने जोश में होश खो दिया और लोगों की जायज संपत्तियों को भी बुलडोज़र तले कुचल दिया।
बुलन्दशहर के झाझर में यमुना विकास प्राधिकरण और बुलन्दशहर जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने 29 मार्च को ऐरोसिटी रेजीडेंसी पर बुलडोज़र चला दिया था, जोश में होश खो चुके यमुना विकास प्राधिकरण के अफसरों ने यह कार्यवाही इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्टेय ऑर्डर के बाद की। इसी से नाराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) अरुण वीर सिंह समेत 06 अफसरों को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।
दोषी अधिकारीयों को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने किया तलब
इलाहाबाद हाइकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश के मुताबिक यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह, ओएसडी शैलेन्द्र सिंह, एसडीएम सिकंदराबाद राकेश कुमार, डीजीएम राजेन्द्र कुमार भाटी, तहसीलदार विनय भदौरिया और सीनियर मैनेजर विकास कुमार को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से नुकसान की भरपाई करने के बाद ही छूट मिल सकती है।
मतलब ऐरोसिटी रेसीडेंसी में यमुना विकास प्राधिकरण के अफसरों ने जितना नुकसान किया, उतनी भरपाई करने के बाद प्राधिकरण के अफसर चाहें तो अपने काउंसलर से अपना पक्ष रखवा सकते हैं। हाइकोर्ट ने ऐरोसिटी रेसीडेंसी पर बुलडोज़र कार्यवाही को कोर्ट ऑफ कंटेम्प माना और 06 अफसरों को 16 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाज़िर होने का आदेश दिया है। वही कोर्ट की सख्ती के बाद यमुना विकास प्राधिकरण और बुलंदशहर के अफसरों में हड़कंप मच गया है और अफसर हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करने की तैयारी में जुट गए हैं।
रेसीडेंसी पर चलाया था बुलडोज़र
इस संबंध में एरो सिटी रेजिडेंसी के लीगल एडवाइजर योगेश कुमार राजौरा का कहना है यमुना विकास प्राधिकरण की यह कार्रवाई पूरी तरह इलीगल थी, हमने यमुना विकास प्राधिकरण को कोर्ट का स्टे आदेश दिखाने का प्रयास किया था, लेकिन हमारी नहीं सुनी गई और रेसीडेंसी पर बुलडोज़र चला दिया गया। कोर्ट ने हमारे पक्ष को सही मानते हुए यमुना विकास प्राधिकरण और बुलंदशहर के छह अफसरों को हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।
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